नई दिल्ली। कॉलेजियम सिस्टम की सिफारिशों को नज़रंदाज करने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि ये एक $कानून है और इसपर पूरी तरह से अमल करना ज़रूरी है। अटार्नी जनरल को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि आप सरकार को जाकर समझाईए। अगर संसद के बनाए $कानूनों को कुछ लोग मानने से इन्कार कर देते हैं, तो फिर क्या स्थिति होगी? कोर्ट का कहना था कि समाज अपने हिसाब से ये तय करने लग जाए कि कौन से कानूनों की पालना करनी है और कौन से ही नहीं, तो ये एक ब्रेक डाउन जैसी स्थिति बन जाएगी।
जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने केंद्र को साफ तौर पर हिदायत दी कि वो किसी भी सूरत में संवैधानिक बेंच के दिए फैसले पर नरमी नहीं बरतने जा रही है। उनका कहना था कि समाज के कुछ वर्गों को कॉलेजियम सिस्टम से दिक्कत से कोर्ट को कोई फर्क नहीं पड़ता। अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि वो मिनिस्ट्री से इस बारे में सलाह करेंगे।