Wednesday, November 27, 2024
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सनातनधर्म की रक्षा में सतत लगी हुई हैं ये तीनों धाराएं

संकल्प शक्ति। सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने दिनांक 09 दिसम्बर 2022 को अपने जन्मदिवस (सेवा-साधना दिवस) पर प्रात: 10:00 बजे यूट्यूब चैनल ‘बीएमकेएस के माध्यम से देशवासियों के साथ ही अपने समस्त चेतनाअंशों, शिष्यों, ‘माँ के भक्तों और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहते हैं ”आज स्वयं का मेरा जन्मदिन है तथा शिष्यों-भक्तों के द्वारा इस दिन को अनेक वर्षों से एक पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। अपने शिष्यों को इस दिन को सेवा-साधना के रूप में मनाने का पथ दिया गया है, ताकि पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम से भक्ति, ज्ञान और आत्मशक्ति की जो त्रिवेणी बह रही है, उसे वे जन-जन तक पहुँचा सकें और उनके जीवन का एक-एक पल सार्थक हो।
भगवती मानव कल्याण संगठन, पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, इन तीनों धाराओं के लाखों कार्यकर्ता इस कार्य में सतत लगे हुए हैं। श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ व दिव्य आरतियों के माध्यम से यह यात्रा विगत 30 वर्षों से सतत चल रही है। भगवती मानव कल्याण संगठन एक ऐसा इतिहास रच रहा है, उसकी सहजरूप से कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। धर्मरक्षा, राष्ट्ररक्षा और मानवता की सेवा के क्षेत्र में समाज के बीच जो ऊर्जा प्रवाहित की जा रही है, इससे हमारे सनातनधर्म की ध्वजा सतत लहराती रहेगी।

तीनों धाराओं के कार्यकर्ताओं ने पहले स्वयं के जीवन में परिवर्तन लाया है तथा इस विचार को अंगीकार करके कि ‘जब हम बदलेंगे, तो जग बदलेगा। उसी सेवा-साधना के लक्ष्य को लेकरके कार्यकर्ता इस जन्मदिवस पर देशभर में समाज के बीच पाँच-पाँच घण्टे व चौबीस-चौबीस घण्टे के श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ तथा माता जगदम्बे के आरतीक्रम करवाकर जन-जन में भक्ति, ज्ञान और आत्मशक्ति रूपी ऊर्जा का संचार कर रहे हैं। सनातनधर्म की रक्षा के लिए ये क्रम करवाए जा रहे हैं और आज करोड़ों घरों में ‘माँ का ध्वज लहरा रहा है, करोड़ों लोग नशे-मांस से मुक्त होकर सात्विक जीवन अपनाकर राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं और उनके जीवन में सुख-शांति का प्रादुर्भाव हुआ है। केवल साधनात्मक बल पर लोगों को नशामुक्त किया गया है, किसी भी प्रकार की दवा का उपयोग नहीं कराया गया। करोड़ों लोगों को स्वयं मेरे द्वारा आशीर्वाद देकर नशामुक्त किया गया है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने जितनी अवैध नशे की खेपें पकड़वाई हैं, कत्लखाने को कटने जा रहे गोवंशों को मुक्त कराया है, उतना कार्य आज तक अन्य किसी भी संगठन ने नहीं किया।

ऋषियों-मुनियों के हम संवाहक बनें और जो भी कर्म करें, तपस्वी बनकर तथा लगन, निष्ठा व समर्पणभाव से करें। माता भगवती आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा दयामयी हैं, करुणामयी हैं और यदि उनकी आराधना निष्ठापूर्वक की जाए, तो ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका निदान न प्राप्त हो सके। भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ता साधना के पथ पर बढ़ते हुए जन-जन को उनके कत्र्तव्यों के प्रति ज़ागरूक करें, उन्हें नशे-मांस से मुक्त चरित्रवान् और चेतनावान् बनाएं। धर्मरक्षा, राष्ट्ररक्षा और मानवता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दें, यही तो मानवजीवन के मुख्य ध्येय हैं। नित्यप्रति आकलन करें कि हम सत्य के पथ पर चल रहे हैं या नहीं? हम सेवा और साधना के पथ पर चल रहे हैं या नहीं? हमारा कत्र्तव्य है कि हम सद्भावनापूर्ण समाज का निर्माण करें और जहाँ भी $गलत हो रहा हो, उसका विरोध करें। जहाँ पर भी धार्मिक आडम्बर है, झाड़-फूँक, भूत-प्रेत और जादू-टोना के नाम पर लूट-खसोट मची हुई है, तो उसका जमकर विरोध करने की ज़रूरत है।

मेरे द्वारा प्रारम्भ से लेकर सतत सत्य की विचारधारा चलाई जा रही है, जिससे निरन्तर समाज में परिवर्तन आ रहा है। तीनों धाराओं के कार्यकर्ताओं को समाज में परिवर्तन डालने का प्रयास सतत करते रहना है और यह मुहिम रुकने न पाए। पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम की ऊर्जा धीरे-धीरे प्रचण्डस्वरूप धारण करती जा रही है। जिन्हें लोग दीन-हीन मानते थे, जो उपेक्षा की दृष्टि से देखे जाते थे, इस धर्मधुरी से जुड़कर, भगवती मानव कल्याण संगठन से जुड़कर आज वे अपने हाथों में धर्मध्वजा लेकरके जनजागरण का कार्य कर रहे हैं, समाज में परिवर्तन लाने का कार्य कर रहे हैं। संघर्ष, विपरीत परिस्थितियाँ सभी जगह हैं और इन्हीं परिस्थितियों में आप लोगों को कार्य करते रहना है। मैंने आपको चेतनावान् बनाया है और आप लोगों में नास्तिकों को भी आस्तिक बनाने की क्षमता है। अपने सभी शिष्यों के साथ, सम्पूर्ण मानवता के साथ मेरा आशीर्वाद जुड़ा हुआ है।

जनसंख्या नियंत्रण ज़रूरी

आज जनसंख्या विस्फोटक रूप लेती जा रही है, इससे आगे चलकर समाजिक व्यवस्था पूरी तरह तहस-नहस हो सकती है। केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख़्त $कानून बनाए और उसे प्रभावी रूप से क्रियान्वित करे।

जातिभेद, छुआछूत को समाप्त करना है

सनातनधर्म की रक्षा के लिए हमें जातिभेद व छुआछूत की भावना को पूरी तरह समाप्त करना है। सरकारों व सभी धर्मप्रमुखों को इस दिशा में कार्य करने की ज़रूरत है। नशामुक्ति, जनसंख्या नियंत्रण, जातिभेद और छुआछूत तथा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कदम उठाते रहना है।

शिक्षापद्धति में सुधार की ज़रूरत

शिक्षा के क्षेत्र में प्रभावी $कदम उठाने की ज़रूरत है। आज की जो मैकाले पद्धति है, यदि वह जारी रही, तो बच्चे कभी भी संस्कारवान नहीं बन पायेंगे। सरकारें और सभी समाजसेवी संस्थाएं इस ओर ध्यान दें कि शिक्षापद्धति में बहुत बड़ा परिवर्तन करने की आवश्यकता है। कर्म करेंगे, तभी फल मिलेगा।

चिकने घड़े पर नहीं ठहरता,एक बूँद भी जल का

शारदीय नवरात्र शिविर में मेरे द्वारा झूठ-पाखंड फैलाकर स्वस्वार्थ सिद्ध करने वाले कुछ संस्था प्रमुखों के विरुद्ध आवाज़ उठाई गई थी तथा उनमें से कुछ ने तो अपने कार्यों में काफी सुधार किया है, यह अच्छी बात है और मेरे द्वारा हर अच्छे कार्य की सराहना की जाती है। पण्डोखर धाम के जो गुरुशरण शर्मा हैं, उनके विषय में भी कहा गया था कि शायद वे भी सुधर जायें, लेकिन नहीं! एक कहावत है कि ‘काला कम्बल लाख धुलाओ, रंग न होगा हल्का। चिकने घड़े पर नहीं ठहरता, एक बूँद भी जल का।। अरे, सत्य को समझने का प्रयास करो। आवाज़ वहीं से उठाई गई है, जहाँ से करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन डाला गया है। इस पवित्रस्थल से यदि कमियों पर इंगित किया गया था, तो सुधार करना चाहिए था, लेकिन नहीं!

गुरुशरण शर्मा तुम्हें शर्म नहीं आती!

सनातनधर्म से व्यवसायिक रिश्ता है, यह कहते हुए गुरुशरण शर्मा तुम्हें शर्म नहीं आती! अधिकाधिक धन कमाने के चक्कर में तुमने अपनी नैतिकता खो दी है। महिलाओं का अनादर करते हो और कहते हो कि बजरंगबली का भक्त हूँ! $गरीब जनमानस को भेड़, बकरियाँ कहते हो! यदि कोई चेतनावान् व्यक्ति तुम्हारे दरबार में बैठता, तो कहता कि गुरुशरण शर्मा तुम अपना मानसिक सन्तुलन खो चुके हो। तुमने माता आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा का अपमान किया है और कहते हो कि ऐसी शक्तियाँ तुम्हारी बूट पॉलिस करती हैं! मेरी वाणी में वह ता$कत है कि वह व्यर्थ नहीं जाती। तुम मुझे मार डालने की धमकी देते हो, जबकि मैं कहता हूँ कि तुम्हारी उम्र लम्बी हो, क्योंकि तुमने इतने $गलत काम किए हैं कि लम्बे समय तक तुम्हें कष्ट भोगना है। इतना कष्ट पाओगे कि जिसकी तुम कल्पना भी नहीं कर सकते।

हज़ारों जगहों से उठने लगी हैं आवाज़ें

अब तुम्हारे द्वारा फैलाए गए ढोंग-पाखंड और ठगी के विरुद्ध हज़ारों जगहों से आवाज़ें उठने लगी हैं। देश के अनेक जि़लों से आवाज़ उठने लगी हंै और अब तुम्हारे पर्चा बनाने का नाटक ज़्यादा दिन नहीं चलने वाला है। तुम पूरी तरह खोखले हो, तुम्हारे पास कोई सिद्धि नहीं है, तुम केवल लोगों को छल रहे हो। तुम्हें जीवन में बहुत कुछ संघर्षों को झेलना है और जब मृत्यु को प्राप्त होगे, तो प्रेतयोनि में जाओगे और हज़ारों वर्ष प्रेतयोनि में पड़े रहोगे तथा तुम्हें कभी भी मुक्ति नहीं मिलेगी। अब भी समय है, चाहो तो सार्वजनिक रूप से माफी माँग लो। आत्मचेतना क्या होती है, इसका तुम्हें ज्ञान ही नहीं है? अब ज़्यादा दिन तुम्हारा ढोंग-पाखंड नहीं चल पायेगा, क्योंकि समाज जाग चुका है। अनीति-अन्याय-अधर्म के विरुद्ध मेरी आवाज़ उठती रही है और हमेशा उठती रहेगी। तुम्हारे खोखलेपन का भण्डाफोड़ अवश्य होगा।

इन्हीं शब्दों के साथ मैं पुन: अपने शिष्यों-भक्तों के साथ ही सम्पूर्ण मानवता को अपना आशीर्वाद प्रदान करता हूँ।

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