नई दिल्ली। चार वर्ष पहले 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों के हिंदी व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होने की घोषणा की थी और सुप्रीम कोर्ट ने इस दिशा में काम भी किया। हिंदी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में फैसलों का अनुवाद भी शुरू हुआ, लेकिन इसकी रफ्तार बहुत धीमी है। सुप्रीम कोर्ट में पिछले चार वर्षों में कुल 538 फैसलों का हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है, जिसमें से सबसे अधिक 290 फैसले हिंदी में अनुवाद किए गए हैं। इस अंतराल में साल दर साल अनुवादित फैसलों की संख्या लगातार घट रही है। 2019 में सबसे ज़्यादा 209 फैसले क्षेत्रीय भाषा में अनुवादित हुए थे। इसके बाद 2020 में 142, 2021 में 100 और 2022 में सिर्फ 82 फैसले ही अनुवादित हुए हैं। इतना ही नहीं, तीन साल बाद भी अयोध्या के राम जन्मभूमि का फैसला सुप्रीम कोर्ट की साइट पर हिंदी में उपलब्ध नहीं है।