नई दिल्ली। देश के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में कत्र्तव्यपथ पर राष्ट्रीयध्वज फहराया। उनको 21 तोपों से सलामी देने के साथ राष्ट्रगान हुआ। समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। राष्ट्रगान के साथ गणतंत्र दिवस समारोह शुरू हुआ। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।
दिल्ली में गुरुवार को कर्तव्य पथ पर भारतीय सेना ने अपने शौर्य और ता$कत का प्रदर्शन किया। फ्लाई पास्ट में वायुसेना के 45 विमान, नौसेना का एक और सेना के चार हेलीकॉप्टर ने अपनी शक्ति दिखाई। इनमें वायुसेना के नौ फाइटर जेट राफेल भी शामिल थे।
नौसेना का युद्धक आइएल-38 आकर्षण का केंद्र रहा। यह परेड में पहली बार शामिल हुआ। आइएल-38 को 1977 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। सुखोई और मिग 29 भी फ्लाई पास्ट का हिस्सा थे। देश में निर्मित लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर प्रचंड, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर धु्रव के साथ रुद्र ने भी गर्जना की। 90 मिनट की परेड में स्वदेशी सैन्य पराक्रम, नारीशक्ति और नए भारत के शक्ति की झलक दिखी।
स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन
परेड में पहली बार कई स्वदेशी हथियारों और तकनीक का प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में भारत में बनी 105 एमएम इंडियन फील्ड गन, एलसीएच प्रचंड, के-9 वज्र हॉवित्जर, एमबीटी अर्जुन टैंक, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सहित क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल आदि शामिल किए गए।
पहली बार मिस्र की सेना हुई शामिल
गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार मिस्र की सेना की टुकड़ी शामिल हुई। कत्र्तव्यपथ पर मिस्र की सेना के संयुक्त बैंड और मार्चिंग दस्ते ने मार्च कर सलामी दी। इसका नेतृत्त्व कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फतह अल खरासवी ने किया। परेड में मिस्र की सेना के 144 जवान शामिल हुए।
रही बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
गणतंत्र दिवस समारोह के लिए दिल्ली में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए 6,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। समारोहस्थल के आस-पास 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और उनमें से कुछ में चेहरे की पहचान प्रणाली भी सक्रिय थीं। इतना ही नहीं, एनएसजी-डीआरडीओ की ड्रोन रोधी टीम को तैनात भी किया गया था।