Thursday, November 28, 2024
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हमारा सनातनधर्म कहता है कि सूर्योदय से पहले उठकर साधना करें: सौरभ द्विवेदी

नरसिंहपुर। समाज में माता भगवती आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा की दिव्यचेतना का संचार करने के लिए भगवती मानव कल्याण संगठन एवं पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम ट्रस्ट के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक 30-31 जनवरी को ग्राम-सरसला, केरपानी रोड, तह.-करेली, जि़ला-नरसिंहपुर में 24 घंटे का श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ सम्पन्न किया गया।

समापन बेला पर पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम से पहुँची शक्तिस्वरूपा बहन सिद्धाश्रमरत्न संध्या शुक्ला जी ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि ”इन्हीं क्रमों के माध्यम से लाखों-लाख लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है और वे साधनात्मक जीवन जीते हुए अपने कत्र्तव्यों को पूरा कर रहे हैं। आप सभी योग-ध्यान-साधना के क्रमों को अपनायें और फिर देखें कि धीरे-धीरे आपका जीवन आनन्द से भरता चला जायेगा। हमारे ऋषियों-मुनियों ने यही मार्ग तो दिया है और सच्चिदानंदस्वरूप सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज हमें इसी मार्ग पर तो बढ़ा रहे हैं। 

 भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सिद्धाश्रमरत्न सौरभ द्विवेदी जी ने उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ”भगवती मानव कल्याण संगठन समाज में व्याप्त अंधेरे को दूर करने का कार्य कर रहा है। सद्गुरुदेव जी महाराज का चिन्तन है कि अंधेरे में खड़े रहकर अंधेरा-अंधेरा चिल्लाने से कुछ नहीं होगा। अपने हृदय में ‘माँÓ की ज्योति जला दो, समस्त अंधेरा दूर हो जायेगा। और यही कार्य भगवती मानव कल्याण संगठन कर रहा है। जब आप सूर्योदय से पहले उठेंगे नहीं, साधना-आराधना करेंगे नहीं, तो जीवन में अंधेरा तो रहेगा ही, विपदाएं आयेंगी ही।

परम पूज्य सद्गुरुदेव जी महाराज के शिष्य नित्यप्रति सूर्योदय से पहले उठते हैं, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर अपनी इष्ट माता भगवती आदिशक्ति जगत् जननी की साधना-आराधना करते हैं, इसीलिए उनके जीवन में सुख-शांति स्थापित है। और यदि कभी उनके जीवन में कठिनाईयाँ आती हैं, तो वे अपनी साधना को और बढ़ा देते हैं तथा सिद्धाश्रम पहुँचकर गुरुवरश्री से आशीर्वाद के रूप में समस्याओं का निदान प्राप्त करते हैं। सूर्योदय से पहले उठने वालों और ‘माँÓ की साधना-आराधना करने वालों के जीवन से कठिनाईयाँ, दु:ख, बीमारियाँ देखते ही देखते समाप्त होजाते हैं। फिर हमारा सनातनधर्म कहता है कि सूर्योदय से पहले उठकर साधना करें।

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