हटा, दमोह। सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के आशीर्वाद से दिनांक 18-19 $फरवरी को ग्राम-गैसाबाद, तह.-हटा, जि़ला-दमोह में 24 घंटे का श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ सम्पन्न किया गया।
समापन बेला पर भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्तिस्वरूपा बहन सिद्धाश्रमरत्न संध्या शुक्ला जी ने उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ”श्री दुर्गाचालीसा के अखण्ड पाठ की ऊर्जा क्या है? भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं के द्वारा जगह-जगह,जो इस तरह के दिव्य अनुष्ठान कराए जा रहे हैं, उसका उद्देश्य क्या है? आप सभी को ‘माँÓ के चरणों से जोडऩा, जिससे आपके जीवन में सुख-शांति आ सके।
सद्गुरुदेव जी महाराज ने सनातनधर्म की स्थापना का लक्ष्य ठाना है। इसकी स्थापना हमारे ऋषियों-मुनियों ने की है, लेकिन कहीं न कहीं हज़ारों वर्ष की $गुलामी झेलकर मनुष्य अपने धर्म से विमुख होता चला गया। हम ऋषियों-मुनियों की सन्तान हैं, अत: अपने आपको साधारण समझने की भूल न करें।
शक्तिस्वरूपा बहन ने कहा कि ” आज जगह-जगह धर्म के नाम पर शोषण करने वालों की कमी नहीं है, ऐसे में समाज को जाग्रत् होने की ज़रूरत है। हो सकता है कोई छल से आपका नाम बता दे, कुछ वर्तमान व कुछ भविष्य की बातें बता दे, लेकिन इससे आपको कोई लाभ नहीं होने वाला है। अत: ऐसे प्रपंचियों से बचें और परम पूज्य गुरुवर श्री शक्तिपुत्र जी महाराज की विचारधारा पर चलते हुए नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान् जीवन अपनाएं और माता आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा के चरणों के पास बैठकर साधना-आराधना करें। देखते-ही देखते आपकी दुश्चिंतताएं समाप्त होती चली जायेंगी। गुरुवर हमें साधक बना रहे हैं, धर्म के मार्ग पर बढ़ा रहे हैं, सद्कर्म के मार्ग पर बढ़ा रहे हैं, जिससे आपको स्वस्थ और समृद्ध जीवन मिल सके।
भगवती मानव कल्याण संगठन के केन्द्रीय मुख्य सचिव सिद्धाश्रमरत्न आशीष शुक्ला (राजू भइया) जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ”सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के आशीर्वाद से आपके, हमारे जीवन में दिव्य अनुष्ठान में शामिल होने का एक क्रम और जुड़ गया। परम पूज्य गुरुवरश्री के द्वारा, भगवती मानव कल्याण संगठन के द्वारा आपको साधना के क्षेत्र में बढ़ाया जा रहा है।
आप लोग इस बात का आकलन करें कि समाज में जो अपराध हो रहे हैं, उसका कारण क्या है? कारण है विकारात्मक जीवन। लोगों के अन्दर से विकारात्मक सोच को निकाल फेंकने के लिए ही, विकारात्मक प्रवृत्ति को समाप्त करने के लिए ही गुरुवरश्री ने हमें साधनात्मक दिशा दी है। माता भगवती की साधना-आराधना, नित्यप्रति का श्री दुर्गाचालीसा पाठ, साधनात्मक परिवेश और शक्तिजल, इनसे करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है।
परम पूज्य गुरुवरश्री की तपस्थली पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम अवश्य आएं और वहाँ अनन्तकाल के लिए चल रहे श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ में शामिल हों, माता जगदम्बे की सुबह-शाम होने वाली आरती में सम्मिलित हों, आपको एक विशेष ऊर्जा, विशेष शांति का अहसास होगा। सिद्धाश्रम में आपको कोई दानपात्र नहीं मिलेगा, रहने व भोजन की व्यवस्था नि:शुल्क है, विघ्नविनाशक शक्तिजल नि: शुल्क मिलेगा। सभी व्यवस्थाएं आपको नि:शुल्क प्राप्त होंगी।
उद्बोधनक्रम के पश्चात् सभी भक्तों ने शक्तिजल और प्रसाद प्राप्त किया।
रैपुरा, पन्ना। दिनांक 19-20 फरवरी को ग्राम-मड़वा, तह.-रैपुरा, जि़ला-पन्ना में 24 घंटे तक ‘माँÓ का गुणगान हुआ और दिव्यआरती सम्पन्न की गई।
आयोजित श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ के समापन अवसर पर उपस्थित शक्तिस्वरूपा बहन सिद्धाश्रमरत्न संध्या शुक्ला जी ने अपने दिव्य उद्बोधन में कहा कि ”माता भगवती आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा की साधना-आराधना करने का जीवन में जितना अवसर प्राप्त हो, वह कम ही लगता है। सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने ही हमें यह ज्ञान कराया है कि हम सभी के अन्दर आत्मा के रूप में परमसत्ता का अंश विद्यमान है। यदि उन्होंने यह नहीं बताया होता, तो पूरा मानवसमाज इधर-उधर भटकता रहता। तो, केवल ‘माँÓ का नाम जपना शुरू कर दो, नित्यप्रति सुबह-शाम श्री दुर्गाचालीसा का पाठ करो, इस कलिकाल की भयावहता आपके जीवन से समाप्त होती चली जायेगी।
यह हमारे लिए गौरव की बात है कि जिस धरा पर हमने जन्म लिया है, वह धरा ऋषियों-मुनियों की है और इस धरा पर भगवान् विष्णु ने, भगवान् शिव ने अवतार लेकर धर्म की स्थापना की है। धर्म में शक्ति होती है, सिद्धियाँ होती हैं, लेकिन जब उसका उपयोग स्वार्थ के लिए धनार्जन के लिए किया जाने लगता है, तो उससे धर्म की हानि होती है, जैसा कि वर्तमान में कुछ लोग धर्म की शक्ति का दुरुपयोग करने लगे हैं। अरे, कोई पर्चा बनाकर उसमें आपका नाम लिख दे, कुछ बातें बता दे, तो इससे किसी का कल्याण नहीं होने वाला, बल्कि इस टोटके से प्रभावित होकर लोग लुटकर बाद में पछताते देखे जाते हैं और इससे उनकी आस्था पर कुठाराघात होता है।
हमारे मध्यप्रदेश में धर्मवानों की कमी नहीं है, क्षमतावानों की कमी नहीं है, कमी है तो केवल सही दिशाधारा की और समाज को सही दिशाधारा देने के लिए भगवती मानव कल्याण संगठन एवं भारतीय शक्ति चेतना पार्टी कृतसंकल्पित है।
सिद्धाश्रमरत्न आशीष शुक्ला (राजू भइया) जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ”पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम पर चहुँओर ‘माँÓ की दिव्यचेतनातरंगें प्रवाहित हैं। परम पूज्य गुरुवर ने 23 जनवरी 1997 में मूलध्वज की स्थापना के तीन माह पश्चात् ही 15 अप्रैल से एक छप्पर के नीचे ही अनन्तकाल के लिए श्री दुर्गाचालीसा का पाठ प्रारम्भ करा दिया था, बाद में एक अस्थाई चालीसा पाठ मंदिर का निर्माण हुआ। आज 26 वर्ष हो रहे हैं, यह चालीसा पाठ अनवरत गतिमान है और ‘माँÓ की ऊर्जा का प्रतिफल है कि विशाल चालीसा पाठ मंदिर का निर्माणकार्य अन्तिम चरण में हैं, जहाँ हज़ारों लोग एकसाथ बैठकर चालीसा पाठ कर सकेंगे। आज गुरुवर के आशीर्वाद से लाखों-लाख घर ‘माँÓ की ज्योति से प्रकाशित हैं।
हम जब, जहाँ से संकल्प ले लेते हैं, वहीं से जीवन में परिवर्तन शुरू होजाता है। आइए, इस मड़वा ग्राम में भी संकल्प लेंगे कि हम सूर्याेदय से पहले उठेंगे, नित्यप्रति माता भगवती आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा की साधना-आराधना करेंगे और नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान् जीवन जियेंगे। नशामुक्ति की घोषणा के लिए सरकारों का इंतज़ार मत कीजिए, बल्कि स्वयं नशामुक्त जीवन को अंगीकार करें, क्योंकि सुख-शांति और समृद्धि आपकी प्रतीक्षा कर रही है।