ग्रीष्म का मौसम चल रहा है। गर्मी अपने चरमसीमा में पहुंचने की तैयारी कर रही है। दोपहर में अब चारों तरफ गर्म तेज हवाय चलेंगी। ऐसे में शरीर लू लगने का ख़्ातरा है। गर्मी के प्रकोप एवं पानी कम पीने की वजह से लोग डिहाइड्रेसन के शिकार हो जाते हैं। पाचनक्रिया बिगड़ जाती है। शरीर झुलसने से शरीर में कमज़ोरी आने लगती है और दिन के समय शरीर में जलन व बेचैनी बढ़ जाती है।
इनसे बचने के लिए गर्मियों के मौसम में पुदीने का सेवन बड़ा ही लाभकारी होता है। चाहे पुदीने की पत्तियां हों या पुदीने का अर्क यह दोनों चीजें शरीर को राहत प्रदान करती हैं। विशेष प्रक्रिया के द्वारा पुदीना के पत्तों से अर्क निकाला जाता है, जो पुदीना का अर्क नाम से बाज़ारों में मिलता है।
अधिकांश घरों में पुदीना के पत्तों को पीसकर चटनी बनाई जाती है, जो गर्मियों में बहुत ही उपयोगी होती है। प्रतिदिन पुदीना के पत्ते व कच्चे आम, भुना जीरा, काला नमक की शिकंजी बनाकर पीने से शरीर व मस्तिष्क में तरावट रहती है, शरीर की जलन शान्त होती है, पेट की समस्यायें दूर होती है तथा पाचनक्रिया सुधरती है।
पेट में दर्द होने पर पुदीना के अर्क की छ: बूंदे पानी में डालकर पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है। पेट में गैस बनना सही होती है। पुदीना के पत्ते, प्याज व काला नमक को पीसकर खाना खाने के साथ खाने पर लू का प्रभाव कम होता है तथा शरीर की जलन शान्त होती है। खांसी आने पर पुदीना के पत्ते का रस एवं अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से खांसी में आराम मिलता है।
पुदीना के पत्ते संतरा का छिलका व बेसन मिलाकर उबटन की तरह चेहरे में मालिश करने से चेहरा सुन्दर बनता है तथा मुहासों में आराम मिलता है। पुदीना के पत्तों का रस तथा अदरक के रस में पानी मिलाकर कुल्ला करने से टान्सिल्स की सूजन सही होती है। इस रस को थोड़ा पीना भी चाहिए।
पुदीना का रस, धनिया के पत्तों का रस, अदरक, काला नमक, भुना जीरा मिलाकर शिकन्जी बनाकर पीने से उल्टी एवं हैजा में आराम मिलता है।
प्रस्तुति:- संकल्प शक्ति