संकल्प शक्ति। अपनी अध्यात्मिक संस्कृति से विमुख होता जा रहा मनुष्य, नाना प्रकार की समस्याओं से ग्रसित है। कोई शारीरिक व्याधियों से ग्रसित है, तो कोई मानसिक रूप से परेशान है। स्वाभाविक है कि परेशान व्यक्ति किसी भी तरह से अपनी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहता है। इसी मनोवृत्ति का लाभ उठाने के लिए इधर-उधर, जहाँ-तहाँ अनेक ढोंगी, पाखंडी देवी-देवताओं के पीठों पर अपनी दुकान खोलकर बैठे हुए हैं और चैनलों व दलालों के माध्यम से आपको प्रभावित करके, जितना हो सके लूट लेना लेना चाहते हैं।
तदाशय की अभिव्यक्ति देते हुए भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्तिस्वरूपा बहन संध्या शुक्ला जी ने कहा ”आपकी समस्याओं को दूर करने के नाम पर कोई बीमारी ठीक करने की दूकान सजाए हुए हैं, तो कोई भूत-प्रेत निपटान हेतु झाड़-फूँक की दुकान लगाए है, तो कोई तन्त्र-मन्त्र और पर्चा बनाने का करिश्माई अंदाज प्रस्तुत करके लोगों को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है। येन-केन-प्रकारेण इनका लक्ष्य एक ही है कि परेशान लोगों से अधिकाधिक रुपया ऐंठना।
इन सबसे आपकी समस्याओं का समाधान हो या न हो, लेकिन कुकरमुत्तों की तरह इस तरह की दुकान खोलकर बैठे तथाकथित ठगों की चल-अचल सम्पत्ति अवश्य ही दिन दूनी, रात चौगुनी दर से बढ़ रही है। बाबा बने कुछ ठग हीलिंग के नाम पर भी अंधाधुंध कमाई करने में संलग्न हैं। आज अपनी अध्यात्मिक संस्कृति से विमुख हो चुके लोगों की शारीरिक व मानसिक समस्याएं इतनी बढ़ चुकी हैं कि धर्म की ठेकेदारी कर रहे इन दुकानदारों के पास ग्राहकों की कमी का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि वे अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से, दलालों व अन्य अनेक माध्यम से लोगों को लुभा ही लेते हैं। उनका मानना है कि एक जाएगा, तो दूसरा आएगा और उनकी दुकानदारी चलती ही रहेगी।
वास्तव में यदि आप शान्ति चाहते हैं, अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं और इधर-उधर भटक करके परेशान हो चुके हैं, तो फिर अपनी अध्यात्मिक संस्कृति की ओर वापस लौटिए और पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम आकर धर्मसम्राट् युग चेतना पुरुष सद्गुुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करके आपश्री के द्वारा बताए गए क्रमों को अपनाएं, निश्चित ही लाभ प्राप्त होगा। विशेष बात यह कि यहाँ किसी से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता। गुरुवरश्री के द्वारा जहाँ नि:शुल्क परामर्श दिया जाता है, वहीं आश्रम में ठहरने व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था रहती है।
ऋषिवर सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के द्वारा अत्यन्त लाभकारी कुछ अध्यात्मिक क्रम बतलाए गये हैं, जो कि इस प्रकार हैं- बीजमंत्र ‘माँ’-ॐ का क्रमिक उच्चारण। सुबह-शाम या जब भी समय मिले इस बीजमन्त्र का नित्यप्रति क्रमिक उच्चारण व श्री दुर्गाचालीसा का पाठ करने से जहाँ आसपास का वातावरण शुद्ध व पवित्र बनता है, वहीं दूषित शक्तियां बहुत दूर चली जाती हैं। आपश्री के द्वारा महाशक्तियज्ञों से निर्मित किया गया शक्तिजल, जो सिद्धाश्रम से नि:शुल्क प्राप्त होता है, का नित्य पान तथा गले में रक्षाकवच धारण करें, आज्ञाचक्र में कुंकुम का तिलक व अपने निवासस्थान के ऊपर शक्तिध्वज लगाएं और गुरुवार व कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन व्रत रखें। ऋषिवर ने प्राणायाम और योग-ध्यान के कुछ क्रम भी बतलाएं हैं।
इन सभी क्रमों को नित्यप्रति अपनाने से आपकी शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याएं दूर होने के साथ ही समाजिक, आर्थिक व अध्यात्मिक समस्याओं का भी निदान प्राप्त होगा। आप इधर-उधर बहुत भटक चुके हैं और अब अधिक न भटकें, बल्कि पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम से नि:शुल्क मिल रहे साधनात्मक क्रियाओं को अपनाकर देखें, अवश्य ही आपको अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त होगा।