Monday, September 23, 2024
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कर्म से ही फल की प्राप्ति होती है: बहन पूजा शुक्ला

पाटन, जबलपुर। भगवती मानव कल्याण संगठन एवं पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम ट्रस्ट के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक 8-9 अप्रैल 2023 को दीनदयाल स्टेडियम, पाटन, जबलपुर में 24 घंटे के श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के समापन से पूर्व संगठन के कार्यकर्ताओं ने नशामुक्ति जनजागरण सद्भावना रैली निकालकर क्षेत्रीयजनों को नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान् जीवन अपनाने का संदेश दिया।  

दिव्य अनुष्ठान की समापन बेला में भगवती मानव कल्याण संगठन की केन्द्रीय अध्यक्ष शक्तिस्वरूपा बहन सिद्धाश्रमरत्न पूजा शुक्ला जी ने उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में जहाँ देखो वहाँ धर्म के नाम पर लूट मची हुई है। कोई धर्म का चोला ओढ़कर आपका नाम बता दे, आपके परिवार का नाम बता दे, इससे किसी का भला नहीं होने वाला है। अगर किसी के द्वारा नाम बता देने से कल्याण होता हो, तो अपने ही घर के किसी सदस्य को भगवावस्त्र पहना दो और उसे आसन पर बैठाकर अपना नाम पूछकर संतुष्ट होजाओ कि अब आपका कल्याण हो जायेगा। भला होगा तो नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान् जीवन जीने से, तप करने से, योग-ध्यान-साधना के क्रम अपनाने से। आपको अपने जीवन में परिवर्तन लाना ही होगा, ‘माँ’ की भक्ति करनी ही पड़ेगी, तप करना ही पड़ेगा, क्योंकि कर्म से ही फल की प्राप्ति होती है।

आपकी भूख कब मिटती है? जब स्वयं अपने हाथों से भोजन करते हो, ठीक इसी तरह शारीरिक पीड़ा से, समस्याओं से मुक्ति पानी है, तो इसके लिए आपको स्वयं प्रयत्न करना पड़ेगा। सही मायने में मनुष्य वह कहलाता  है, जो स्वयं नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान् होकर तप-साधना के मार्ग पर बढ़े तथा औरों को भी इसके लिए प्रेरित करे। 

आपको स्वस्थ और शान्तिमय जीवन चाहिए, तो सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज की विचारधारा पर चलें: आशीष शुक्ला

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संगठन के केन्द्रीय मुख्य सचिव आशीष शुक्ला (राजू भइया) जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज की विचारधारा पर चलकर ही, नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान्, चेतनावान्, पुरुषार्थी और परोपकारमय जीवन से ही आप स्वस्थजीवन प्राप्त कर सकते हैं, तभी आपकी कार्यक्षमता बढ़ेगी और प्रगति का यही मूलमंत्र है।

जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सच्चाई, ईमानदारी से कार्य करें और यदि सच्चाई, ईमानदारी से कोई कार्य किया जाता है, तो वह कार्य स्वहित के साथ ही समाजहित, धर्महित एवं राष्ट्रहित के प्रति समर्पित होता है। अत: जीवन को स्वस्थमय, शान्तिमय और प्रगतिमय बनाने के लिए परम पूज्य गुरुवरश्री की विचारधारा को आत्मसात करके उसी के अनुरूप अपने जीवन को गति दें।

उद्बोधनक्रम के पश्चात् सभी भक्तों ने शक्तिजल और प्रसाद प्राप्त किया।

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