अमृतसर। वारिस पंजाब दे के मुखिया खालिस्तान समर्थक भगोड़े अमृतपाल सिंह को रविवार की सुबह पंजाब पुलिस ने मोगा से गिर$फ्तार कर लिया है। उसे रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिर$फ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था और वह यहां अपने समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करना चाहता था। उसे बठिंडा एयरपोर्ट से फ्लाइट के ज़रिए असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया, जहाँ पर उसे ख़्िाला$फ एनएसए के तहत केस दजऱ् है।
ज्ञातव्य है कि अमृतपाल पिछले 36 दिन से फरार था। उसने अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए 23 $फरवरी को पंजाब के अजनाला थाने पर हमला किया था। 18 मार्च को पुलिस ने उसकी गिर$फ्तारी के लिए घेराबंदी की थी, लेकिन वह फरार हो गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अमृतपाल सिंह बैसाखी के दिन, 14 अप्रैल को सरेंडर करना चाहता था और उसकी शर्त थी कि वह बठिंडा के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब आकर सरेंडर करेगा। जैसे ही इंटेलिजेंस और पंजाब पुलिस को इसकी भनक लगी तो उन्होंने अमृतपाल को दमदमा साहिब पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस सुरक्षा कड़ी कर दी। जिसके बाद वह रोडे गांव पहुंचा और यहां पुलिस ने उसे रविवार की सुबह गिर$फ्तार कर लिया।
भिंडरांवाला का गांव है रोडे
अमृतपाल सिंह को पंजाब के जिस रोडे गांव से पकड़ा गया, यहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। इतना ही नहीं, अमृतपाल सिंह ने वारिस पंजाब दे का मुखिया बनने के लिए यहीं पर दस्तारबंदी समारोह किया था।