Monday, November 25, 2024
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धर्मकार्य वह है, जो नि:स्वार्थभाव से किया जाए: बहन संध्या शुक्ला

गोंदिया, महाराष्ट्र। भगवती मानव कल्याण संगठन के द्वारा श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ के रूप में कराए जा रहे इन दिव्य अनुष्ठानों के माध्यम से देश में बहुत बड़ा परिवर्तन आ रहा है। माता भगवती आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा की कृपा और सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के आशीर्वाद के फलस्वरूप लाखों-लाख लोग नशे-मांसाहार से मुक्त होकर चरित्रवान् जीवन जीते हुए आत्मकल्याण के साथ जनकल्याण के पथ पर अग्रसर हैं। 

एपीजे फ्यूचरा स्कूल, आमगांव रोड, सालेकसा, जि़ला-गोंदिया में दिनांक 22-23 अप्रैल 2023 को आयोजित 24 घंटे के श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ की समापन बेला पर भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्तिस्वरूपा बहन सिद्धाश्रमरत्न संध्या शुक्ला जी ने कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए आगे कहा कि ”आज जहाँ देखो वहाँ हर व्यक्ति परेशान नज़र आता है। कोई बीमारी से ग्रसित है, तो कोई समाजिक, तो कोई आर्थिक परेशानी से जूझ रहा है, किसी के जीवन में शान्ति नहीं है। ये जो परेशानियाँ हैं, वे कर्मों के फलस्वरूप हैं और यदि इनसे मुक्ति पानी है, तो अपने समय का सदुपयोग करें, सत्यधर्म के मार्ग पर चलें, तो हमारा आने वाला समय उज्जवल होगा।

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परम पूज्य सद्गुरुदेव जी महाराज ने ‘माँ’ की साधना-आराधना के क्रम के साथ तीन मानवीय कर्तव्य बतलाए हैं और वे हैं-धर्मरक्षा, मानवता की सेवा और राष्ट्र की रक्षा करना। इन कत्र्तव्यों के निर्वहन के लिए तीन धाराएं दी गई हैं- पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम, भगवती मानव कल्याण संगठन और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, जिनकी विचारधारा के अनुरूप चलने से स्वकल्याण तो होगा ही, पूरे समाज को सही दिशा दी जा सकती है।

शक्तिस्वरूपा बहन ने कहा कि ”धर्म के नाम पर आडम्बर करने से धर्म की रक्षा नहीं होगी, धर्म की रक्षा तब होगी, जब हम अपने धर्म का दृढ़ता से पालन करेंगे और दूसरों के धर्मों का सम्मान करेंगे। हमें अपने ऋषियों-मुनियों के तप-त्याग को समझना होगा, अपने सनातनधर्म को समझना होगा। बहुत से कथावाचकों ने कथा को व्यापार बना लिया है। अरे, धर्मकार्य वह है, जो नि:स्वार्थभाव से किया जाए।

भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सिद्धाश्रमरत्न सौरभ द्विवेदी ‘अनूप’ जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ”भगवती मानव कल्याण संगठन के लोग अपने परिवार के उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के साथ ही घर-घर में ‘माँ’ की ज्योति जलाने का कार्य कर रहे हैं, नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान् समाज के निर्माण हेतु जगह-जगह दिव्य अनुष्ठान करवा रहे हैं। अपने ही क्षेत्र में देख लीजिए, अनेक लोग यहाँ बैठे हुए हैं, जिनके जीवन में कितना बड़ा परिवर्तन हुआ है? कल तक जो लोग नशे से ग्रसित रहते थे, आज वही लोग नशामुक्त होकर समाज को भी नशामुक्त बनाने का कार्य कर रहे हैं। अब तो समाज के बीच यह कहा जा रहा है कि जो लोग भगवती मानव कल्याण संगठन से जुड़े हैं, वे अतिसौभाग्यशाली हैं।

पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम जाने व परम पूज्य गुरुवरश्री के आशीर्वाद मात्र से लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है। सिद्धाश्रम वह पावन स्थान है, जहाँ किसी से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता। वहाँ भोजन नि:शुल्क है, ठहरना नि:शुल्क है, यहाँ तक कि सद्गुरुदेव जी के द्वारा नि:शुल्क रूप से लोगों को उनकी समस्याओं से मुक्ति का मार्ग बतलाया जाता है। तो, भाइयो और बहनों अपने-अपने क्षेत्रों में अपने सदाचरण से, श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ व दिव्य आरतियों के माध्यम से परिवर्तन लाइए, लोगों को नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान् जीवन जीने के लिए प्रेरित करिए। उन्हें बताइए कि यही जीवन सुखकर है और विकारग्रस्त जीवन जीना तो बीमारियों, समस्याओं और असमय मृत्यु को आमंत्रण देना है।

उद्बोधनक्रम के प्रश्चात् सभी भक्तों ने शक्तिजल और प्रसाद प्राप्त किया।

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