प्राकृतिक औषधियां हमें कई तरह की परेशानियों से दूर रखने में सहायक होती हैं। इन्हीं में टी-ट्री आयल भी शामिल है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं, जो विशेष रूप से हमारी त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं। त्वचा में किसी भी तरह के फंगल इंफेक्शन में आप टी-ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। नाखून की फंगस होने पर आप इसे उपयोग कर बेहतर रिजल्ट प्राप्त कर सकती हैं। फंगस होने की मुख्य वजह बैक्टीरिया होते हैं, और इसको दूर करने टी ट्री अच्छी तरह से कार्य करता है।
क्यों होती है नाखून में फंगस ?
इंफेक्शन के कारण नाखून में फंगस उत्पन्न होते हैं। आपके नाखून के अंतिम छोर के नीचे सफेद और पीले रंग के छोटे धब्बे के रूप में शरू हो सकती है। जैसे-जैसे ये इंफेक्शन फैलता है, नाखून का रंग बदलने लगता है और ये मोटा होने लगता है। कुछ समय के बाद ये नाखून टूटने या उखडऩे लगता है। नाखूनों का फंगल इंफेक्शन आपके हाथों और पैरों को भी संक्रमित कर सकता है। देखा जाता है पैरों के नाखून इस समस्या से ज़्यादा प्रभावित होते हैं। इसमें हल्का इंफेक्शन होने पर दर्द महसूस नहीं होता है, लेकिन यदि फंगल इंफेक्शन बढ़ जाए तो डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता हो जाती है।
टी ट्री ऑयल का उपयोग सावधानी से करें
टी ट्री ऑयल कुछ लोगों की स्किन में जलन और एलर्जी का कारण बन सकता है, जिस वजह से त्वचा में लालिमा, सूजन और खुजली हो सकती है। इसलिए नाखूनों के फंगस के लिए टी ट्री ऑयल को कम मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए। किसी भी तरह की समस्या से बचने के लिए आप पैच टेस्ट का सहारा ले सकते हैं। टी ट्री ऑयल का सुरक्षित रूप से उपयोग करने के लिए इसमें ऑलिव ऑयल, बादाम का तेल और नारियल तेल मिलाकर नाखूनों में लगाया जा सकता है। साथ ही इसका प्रयोग सीधे नाखूनों पर नहीं करना चाहिए।
टी ट्री ऑयल को कैसे लगाएं?
टी ट्री ऑयल लगाने से पहले संक्रमित नाखून को काट लें। खासकर नाखूनों को कोनों से काट लें। ऐसा करने से संक्रमण दूसरे नाखून तक नहीं फैलेगा।
अगर नाखून कट नहीं रहा है, तो उसे फॉइलर से थोड़ा कम भी कर सकते हैं। इस तरह से संक्रमित नाखूनों में टी ट्री ऑयल लगाने में आसानी होती है।
इसके बाद नाखूनों को साबुन या किसी एंटीसेप्टिक से साफ करें, ताकि अगर थोड़ा सा भी संक्रमित नाखून का हिस्सा बचा है तो उससे संक्रमण दूसरे नाखूनों तक ना फैले।
टी ट्री ऑयल को नारियल तेल या बादाम के तेल के साथ मिलाकर भी लगाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए 1-2 बूंदें टी ट्री ऑयल में 1 चम्मच अन्य तेल का प्रयोग करें। पैर या हाथ के नाखूनों को फंगस से बचाने के लिए टी ट्री ऑयल को कॉटन में लगाकर संक्रमित जगह पर लगाएं। टी ट्री ऑयल लगाने के बाद उसे कुछ समय लगा रहने दें। इसे लगाने के तुरंत बाद पैरों में मोजे और जूते न पहनें।