संकल्प शक्ति। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने हर चुनावी भाषण में पहले राष्ट्रवाद की बात करते हैं और फिर कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार यानि केन्द्र में भाजपा की सरकार है, तो यदि राज्य में भी भाजपा की सरकार, होगी तो विकास होगा, भ्रष्टाचार समाप्त होगा, मंहगाई पर राहत मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, लेकिन ऐसा कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है। व्याप्त भ्रष्टाचार और मंहगाई से मानवता कराह रही है और राजनेता हैं कि आंकड़े पेश करके अपनी पीठ थपथपाते रहते हैं। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार को ही देख लीजिए, एक-दो अपराधिक मा$िफयाओं अतीक व मुख्तार आदि को टार्गेट करके वाहवाही लूटी जा रही है, जबकि अनेक रेतमा$िफया, शराबमा$िफया आदि फल-फूल रहे हैं। कहते हैं कि इन्हें शासन-प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है। दूसरे शब्दों में ये कहें कि इनमें से अधिकांश भाजपा के ही पिट्ठू हैं, तो $गलत न होगा।
भगवती मानव कल्याण संगठन की केन्द्रीय अध्यक्ष बहन पूजा शुक्ला जी ने तदाशय की अभिव्यक्ति में कहा कि ”इन्हीं सभी मुद्दों पर केन्द्र में दूसरी बार और अनेक राज्यों में डबल इंजन की सरकार बन चुकी है। केन्द्र में तो मोदी सरकार को नौ वर्ष हो चुके हैं, लेकिन कोई भी ऐसा विभाग नहीं है, जहाँ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी न व्याप्त हो और सामान्य जनता मंहगाई का जो दंश झेल रही है, वह बेहद कष्टकारक है। जब भ्रष्टाचार, मंहगाई और बेरोजगारी की बात आती है, तो प्रधानमंत्री जी आपकी पार्टी के नेता आंकड़े पेश करके मूलतथ्य को दबा देना चाहते हैं। अत: आप ऊपरी आंकड़े पर खुशफहमी के शिकार होकर उसे विकास न मान लें। चन्द पूँजीपतियों की आमदनी का ग्राफ देश का विकास नहीं हो सकता, देश का विकास होगा, जब विभागीय रिश्वतखोरी बन्द होगी, आवश्यक आवश्यकताओं की वस्तुओं के दाम कम होंगे, नशे का कारोबार बन्द होगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
आपने कहा कि ”यद्यपि मोदी सरकार अन्य सरकारों की अपेक्षा राष्ट्रवाद के मुद्दे पर अच्छा कार्य कर रही है, लेकिन निचलेस्तर पर जनभावनाओं को, जनसमस्याओं को भी देखना पड़ेगा, क्योंकि भ्रष्टाचार समाप्त करने, मंहगाई दर कम होने तथा रोजगार के अवसर बढऩे जैसे झूठ की नीव अब अधिक दिनों तक नहीं चल सकती। यदि अब भी रीति-नीति में बदलाव नहीं लाया गया, तो भाजपा सरकार के विरुद्ध बहुत बड़ा जनान्दोलन छिड़ सकता है, क्योंकि तथाकथित आंकड़ों की पोल अब खुलने लगी है।
आम उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। भाजपा सरकार ने 2014 में भी यह वादा किया था कि उसके सत्ता में आने पर मंहगाई पर रोक लगेगी, भ्रष्टाचार समाप्त होगा। दूसरी बार भी यही वादा किया गया, लेकिन क्या हुआ? मंहगाई दिन-दूनी, रात-चौगुनी दर से बढ़ रही है और भ्रष्टाचार का क्रम पूर्ववत जारी है। आज आम उपभोक्ता, $गरीब, मज़दूर व मध्यमवर्ग परेशान हैं, सभी की घरेलू अर्थव्यवस्था बुरी तरह बिगड़ चुकी है। तो भाजपा सरकार को यदि अपनी साख कायम रखनी है, तो सबसे पहले मंहगाई कम करनी होगी, फिर रिश्वतखोरी पर रोक और बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने होंगे।