नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक ७२ वर्षीय महिला ने अनियंत्रित यात्रियों और ऑनबोर्ड पीडि़तों से निपटने के लिए अनिवार्य एसओपी और जीरो टॉलरेंस नियम तैयार करने की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी। महिला ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि डीजीसीए और सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया जाए कि वो इन पॉलिसी के तहत नियम बनाए।
जुलाई में होगी सुनवाई
इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है। दरअसल, इस महिला पर पिछले साल नवंबर में न्यूयॉर्क-दिल्ली एयर इंडिया की उड़ान में एक व्यक्ति ने नशे में धुत होकर पेशाब कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पादरीवाला की पीठ जुलाई में इस मामले पर सुनवाई करेगी।
… निर्देश देने की मांग
हेमा राजारमन नाम की महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और अन्य सभी एयरलाइंस को यह निर्देश देने की मांग की थी कि अनियंत्रित यात्रियों और ऑनबोर्ड पीडि़तों से निपटने के लिए अनिवार्य एसओपी और जीरो टॉलरेंस नियम बनाए जाएं और यदि एयरलाइंस इन्हें लागू करने में विफल होती है, तो उस एयरलाइन के ख़्िाला$फ कार्रवाई की जाए।