नई दिल्ली। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा के चलते विस्थापित हुए लोगों पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से कहा कि यह मानवीय संकट है। विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए ज़रूरी कदम उठाए जाएं। राहत कैंपों में दवाओं और खाने-पीने जैसी ज़रूरी चीजों का इंतजाम हो। साथ ही राज्य में धार्मिक स्थलों की हिफाजत के लिए भी $कदम उठाए जाएं।
ज्ञातव्य है कि मणिपुर में एक सप्ताह पहले एक रैली के दौरान मैतेई और नगा-कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में 54 लोगों की जान चली गई और मणिपुर में अब तक 23 हज़ार लोगों को विस्थापित किया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर ट्राइबल फोरम और हिल एरिया कमेटी ने याचिकाएं दाखिल की हैं। इनमें हिंसा की एसआईटी जांच और मैतेई समुदाय को एसटी लिस्ट में शामिल किए जाने के हाईकोर्ट के आदेश का विरोध किया गया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई 17 मई को होगी।