नई दिल्ली। सबसे कीमती धातुओं में से एक है सोना, यानि कि गोल्ड। वैज्ञानिकों और इतिहासकारों का मानना है कि सोना धरती पर खोजी गई सबसे पुरानी धातुओं में से एक है और इसकी खोज लगभग 5,000 साल पहले हुई थी।
सोना केवल एक धातु ही नहीं, बल्कि आर्थिक संपन्नता का भी प्रतीक माना जाता है। वहीं भारतीय महिलाओं के बीच सोने के प्रति हमेशा से एक विशेष आकर्षण देखने को मिलता रहा है। यही कारण है कि हमारे भारत देश में सोने के आभूषणों का प्रचलन काफी अधिक है। लोग त्यौहारों, शादी समारोह या अन्य किसी विशेष अवसर पर सोने से बने आभूषण पहनना और उपहार में देना पसंद करते हैं। साथ ही कुछ लोगों को सोने से बनी वस्तुओं को इक_करना भी अच्छा लगता है। आज भी भारत में सोने के आभूषणों के बिना शादियों की कल्पना नहीं की जा सकती है।
विदेशियों ने जमकर लूटा
जैसा कि हम सबको मालूम है कि भारत को एक जमाने में सोने की चिडिय़ा कहा जाता था और ऐसा कहने के कई कारण थे। कहा जाता है कि 1739 में पर्शिया (अब ईरान) के शासक नादिर शाह ने जब दिल्ली पर हमला किया तो यहां से भरपूर सोना लूटा। इतना ही नहीं, मुगल शासक शाहजहां ने भी अपने लिए एक सिंहासन बनवाया था, जो कि पूरा ठोस सोने का बना था। इसे तख्त-ए-ताऊस कहा जाता था। ब्रिटिश भी अपने शासनकाल में भारत से बहुत ज़्यादा सोना लूटकर ले गए थे। इस तरह जो भी आया वो कुछ न कुछ लूटकर गया।
भारत में सबसे अधिक खपत
भारत की सबसे अधिक मात्रा में खपत होने वाली वस्तुओं में सोना प्रमुख है। क्रूड ऑयल के बाद देश में सर्वाधिक मूल्य का आयात किया जाने वाला आइटम सोना ही है। भारत में परिष्कृत सोने का कुल अनुमानित भंडार लगभग 10,000 टन से अधिक है, जिसमें सबसे अधिक मात्रा आभूषण के रूप में संग्रहित है। कोलार गोल्ड फील्ड, हुत्ति गोल्ड फील्ड और रामगिरी गोल्ड फील्ड देश की सबसे महत्त्वपूर्ण गोल्ड फील्ड्स हैं।
सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कर्नाटक
कर्नाटक में सोने की खदानें कोलार (कोलार गोल्ड फील्ड), धारवाड़, हसन और रायचूर (हुत्ति गोल्ड फील्ड) जि़लों में स्थित हैं। इस राज्य के पास लगभग 17.5 लाख टन सोने के अयस्क के भंडार हैं, जिसमें 42,023 किलो धातु रूप में उत्पादन मुख्य रूप से कोलार, धारवाड़, हसन और रायचूर जि़लों में किया जाता है। यह राज्य भारत मे 88.7 फीसदी सोने का उत्पादन करता है।
भारत में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य आंध्रप्रदेश है। इस राज्य में सोने के अयस्क के लगभग 7.06 लाख टन का भंडार है, जिनसे 37,025 किलो स्वर्ण धातु के रूप में उत्पादन किया जाता है।
सबसे महत्त्वपूर्ण सोने की खदान
अनंतपुर जि़ले में रामगिरी, आंध्रप्रदेश में सबसे महत्त्वपूर्ण सोने की खदान है। यहां सोने के भंडार जलोढ़ और प्लेसर डिपॉजिट की अवस्था में व्यापक रूप से नदियों के पास बड़ी संख्या में फैले हुए हैं। यह राज्य लगभग 344 किलो सोने का उत्पादन करता है, जो कि भारत के कुल सोने के उत्पादन का 11 प्रतिशत से अधिक है।
सुवर्णरेखा (जिसका मतलब ही है सोने की लकीर) नदी की रेत मे सोना जलोढ़ डिपॉजिट के रूप में पाया जाता है। सिंहभूम जि़ले में सोना नदी भी इसके लिए एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। सोनापाट घाटी जलोढ़ सोने का एक और प्रमुख स्थल है। पुन्ना पुझा और चबियार पुझा नदी के पास के इलाकों में भी कुछ मात्रा में सोना पाया जाता है।
हमारे मंदिरों में भी हैं सोने के भंडार
वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के एक आकलन के अनुसार, भारत में अभी भी 22,000 टन सोना लोगों के पास है, जिसमें लगभग 3,000-4,000 टन सोना भारत के मंदिरों में है। एक अनुमान के मुताबिक भारत के 13 मंदिरों के पास भारत के सभी अरबपतियों से भी ज़्यादा धन है। यदि मंदिर के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए, तो भारत कल भी ‘सोने की चिडिय़ाÓ था और आज भी है। भारत के कुछ मंदिरों में इतना सोना रखा है कि कुुछ राज्यों की पूरी आय भी मंदिरों की आय से कम है।