नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्र ने मंगलवार को कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों से निपटने के लिए भारत के पास अतुलनीय संस्थागत तंत्र है। इस तंत्र में मानवाधिकार आयोग के पास समाज के विशिष्ट कमजोर वर्गों की शिकायतों पर विचार करने के व्यापक अधिकार हैं।
विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मंचों के सदस्यों को संबोधित बयान में एनएचआरसी ने कहा कि भारत को उसकी समग्र प्रगति और अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ प्रगति के लिए नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जो दुनिया में सबसे अच्छे हैं।
आयोग ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ सुधारों की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जिस तरह की बहस भारत में होती हैं, कहीं भी नहीं सुनी जातीं। जस्टिस मिश्र सात राष्ट्रीय आयोगों के अध्यक्षों और प्रतिनिधियों की वैधानिक पूर्ण आयोग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जो इसके पदेन सदस्य हैं। इसका उद्देश्य मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण की दिशा में आयोग के बीच तालमेल और आपसी सहयोग को बढ़ाना और उस दिशा में सर्वोत्तम चलन को साझा करना था।