Sunday, November 24, 2024
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नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित

नई दिल्ली, संकल्प शक्ति। हवन और मंत्रोच्चार के मध्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नई संसद भवन का उद्घाटन किया। पूजन के बाद तमिलनाडु के मठों से आए अधीनम ने प्रधानमंत्री को सेंगोल सौंपा, जिसे उन्होंने संसद में स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया।  

सेंगोल स्थापना के बाद प्रधानमंत्री ने उन श्रमयोगियों का सम्मान किया, जो संसद के निर्माण में शामिल थे। इसके बाद सर्वधर्म सभा हुई। प्रार्थना सभा में केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे।

नए संसद भवन का उद्घाटन करने के पश्चात् प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। ये विकसित भारत के निर्माण में हम सभी के लिए नई प्रेरणा बनेगा और हर भारतीय के कर्तव्यभाव को जाग्रत् करेगा। आपने कहा कि यह सि$र्फ भवन नहीं है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।

प्रधानमंत्री ने कहा, आज इस ऐतिहासिक अवसर पर संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्यपथ का, सेवापथ का, राष्ट्रपथ का प्रतीक माना जाता था। राजा जी और अधीनम के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था।  

नई संसद की विशेषताएं

नई लोकसभा में 888 सीटें हैं। अभी लोकसभा में 590 लोगों के बैठने की क्षमता है और विजिटर्स गैलरी में 336 से अधिक लोगों के बैठने का इंतजाम है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं। अभी राज्यसभा में 280 लोगों के बैठने की क्षमता है और विजिटर्स गैलरी में 336 से अधिक लोग बैठ सकेंगे।

लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज़्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे। 

संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है।

कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं। 

कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और वीआईपी  लाउंज की भी व्यवस्था है।

अतुलनीय आनन्द का अवसर है: राष्ट्रपति

नए संसद भवन के उद्घाटन पर जारी अपने संदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि नया संसद भवन का उद्घाटन हर देशवासी के लिए अतुलनीय आनंद का अवसर है। उन्होंने कहा कि यह गौरवशाली भवन नया इतिहास लिखेगा।  

संसद के बाहर लगा अशोक चक्र 

प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है।

विघ्नसंतोषी विपक्षी पार्टियों ने किया बहिष्कार 

विघ्नसंतोषी कांग्रेस पार्टी समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। विपक्ष का कहना था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार करके प्रधानमंत्री से इसका इनॉगरेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। वहीं, भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल हुईं।

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