संकल्प शक्ति। श्रावणी हरियाली अमावस्या पर्व दिनांक 17 जुलाई 2023 की प्रात:कालीन बेला, परमसत्ता की पूजा-अर्चना के उपरान्त, पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम में खेत व रिक्त भूमि पर प्रात: 09 बजे से 10:30 बजे तक वृक्षारोपण किया गया। यद्यपि पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम का अधिकांश भू-भाग हरे-भरे वृक्षों व विभिन्न प्रजातियों के सुगन्धित पुष्पों से आच्छादित है, फिर भी इस पर्व के धार्मिक महत्त्व के परिप्रेक्ष्य में आश्रम में ऋषिवर सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने वृक्षारोपण कराया।
इस अवसर पर उपस्थित पूजनीया शक्तिमयी माता जी, शक्तिस्वरूपा बहन ज्योति दीदी जी, सिद्धाश्रमरत्न रजत मिश्रा जी, सिद्धाश्रम चेतना अद्वैत जी और सिद्धाश्रम चेतना आत्रेय जी सहित अन्य शिष्यों-भक्तों को परम पूज्य गुरुवरश्री ने अपने करकमलों से एक-एक करके वृक्ष प्रदान किए और गुरुवरश्री के सान्निध्य में सभी ने वृक्षारोपण किया। आम, लीची, अमरूद, बेर, जामुन, चीकू, सन्तरा, आंवला, पीपल, तुलसी, बरगद, बेल आदि फलदार व औषधीय पौधों का रोपण किया गया।
पर्यावरण की रक्षा के प्रति समर्पित आस्था के पर्व हरियाली अमावस्या पर ऋषिवर सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने अपने शिष्यों-भक्तों और देशवासियों को चिन्तन प्रदान किया है कि–
”वर्तमान समय में व्याप्त हो रहे प्रदूषण को देखते हुए जीवन की रक्षा के लिए हर मनुष्य का कत्र्तव्य है कि वर्ष में कम से कम चाहे एक वृक्ष लगाएं, लगाने का प्रयास अवश्य करना चाहिए। यदि स्वयं की भूमि है, तो अपनी भूमि पर और यदि स्वयं की भूमि नहीं है, तो किसी शासकीय भूमि या वनविभाग की भूमि पर वृक्ष लगाएं और एक साल तक उसे सुरक्षा दें, जिससे वह वृक्ष पूरी तरह पल्लवित हो सके।
हम आप सभी लोगों को मिलकर पर्यावरण की रक्षा करना है और अपने अन्दर के पर्यावरण को भी स्वच्छ रखना है, अपने विचारों को भी पावन बनाए रखना है और अपने व्यवहार को भी मृदुल रखना है। सभी को चाहिए कि अधिक से अधिक वृक्षों का रोपण करें, फलदार वृक्ष लगाएं और यदि फलदार वृक्ष नहीं हैं, तो जो वृक्ष हर समय प्राणवायु पदान करते हैं, जैसे-पीपल, बरगद, तुलसी, इन पौधों को लगाएं।