नोएडा। सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के आशीर्वाद से दिनांक 23-24 सितम्बर को बारात घर क्र.-1, ग्राम-बरौला, सेक्टर-49, मेन दादरी रोड, नोएडा में 24 घंटे का श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ भगवती मानव कल्याण संगठन एवं पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम ट्रस्ट के संयुक्त तत्त्वावधान में सम्पन्न किया गया।
समापन बेला पर संगठन के केन्द्रीय महासचिव सिद्धाश्रमरत्न अजय अवस्थी जी ने उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ”भगवती मानव कल्याण संगठन देश के अनेक जि़लों में कार्य कर रहा है और परम पूज्य गुरुवरश्री के आशीर्वाद तथा कार्यकर्ताओं के प्रयास से अभी तक 30 लाख से अधिक लोगों को नशामुक्त किया जा चुका है। गुरुवरश्री ने तीन धाराओं का सृजन किया है। मानवता की सेवा के लिए भगवती मानव कल्याण संगठन, धर्मरक्षा के लिए पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम और राष्ट्ररक्षा के लिए भारतीय शक्ति चेतना पार्टी। इन तीनों धाराओं का लक्ष्य व्यापक है। हम इन्हीं के माध्यम से समाज में परिवर्तन डाल सकते हैं, अनीति-अन्याय-अधर्म और भय-भूख-भ्रष्टाचार को समाप्त करके अपने भारत देश को दुनिया की अग्रणी पंक्ति में खड़ा कर सकते हैं।
मानवता की सेवा, धर्मरक्षा एवं जिस राष्ट्र में हम रहते हैं, उस राष्ट्र की रक्षा करना हम सभी का कत्र्तव्य है। अपने कत्र्तव्यों के निर्वहन हेतु हमें नशे-मांसाहार से मुक्त रहना बहुत ज़रूरी है। जब हमारा समाज नशे-मांसाहार सेे मुक्त होगा, चरित्रवान् जीवन अपना लेगा, तब युग बदलते देर नहीं लगेगी। परम पूज्य गुरुवरश्री के निर्देश पर समाज को चेतनावान् बनाने के लिए इन तीन धाराओं के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। प्रतिफलस्वरूप 30 लाख से अधिक लोग नशे से मुक्त होकर सुख-शांति का जीवन प्राप्त कर चुके हैं और उनमें से अनेक लोग अध्यात्मिक राह पकड़ चुके हैं। हमारा भारत ही एक ऐसा देश है, जो अध्यात्म के रास्ते पर चलकर अपना भी उद्धार कर सकता है और दुनिया का भी उद्धार कर सकता है।
आपने बताया कि ”नशा छोडऩे के लिए आएदिन सैकड़ों की संख्या में लोग पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम पहुंचते हैं और यदि 100 लोग पहुंचते हैं, तो उनमें से 99 लोग नशा छोड़कर ही लौटते हैं और यह चमत्कार सद्गुरुदेव जी महाराज के आशीर्वाद से हो रहा है। एक बार पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम अवश्य पहुंचें, वहाँ पर रुकने व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था है। यहाँ तक कि विघ्नविनाशक शक्तिजल भी नि:शुल्क प्रदान किया जाता है।
उद्बोधनक्रम के पश्चात् कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्तों ने शक्तिजल और प्रसाद प्राप्त किया।