Monday, November 25, 2024
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मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़में भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का बढ़ता वर्चस्व

भ्रष्टाचार व चर्चित घोटालों की कालिख लिए जहाँ कांग्रेस पार्टी और भाजपा मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को पटकनी देने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहे हैं, वहीं सत्ता से दूर रहते हुये भी ”वसुधैव कुटुम्बकमÓÓ की नीति पर चलते हुए नशे-मांसाहार, भय-भूख-भ्रष्टाचार, जातपात के भेदभाव व सम्प्रदायिकता से मुक्त समाज की स्थापना के लिए सतत प्रयत्नशील भारतीय शक्ति चेतना पार्टी मध्यप्रदेश के लगभग सभी जि़लों से चुनाव मैदान में अपने प्रत्याशी उतार चुकी है। इस पार्टी के सभी सक्रिय समर्पित कार्यकर्ता अपनी सत्य की विचारधारा ”सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखायÓÓ को लेकर समाज के बीच तेजी के साथ अपना वर्चस्व स्थापित करते जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के अनेक विधानसभा क्षेत्रों में भी भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा और कांग्रेस की कथित जनविरोधी नीतियों से जन-जन को अवगत करा रहे हैं और पार्टी को वहाँ की जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है।

संकल्प शक्ति। धर्मसम्राट् युग चेतना पुरुष सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के द्वारा गठित भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का वर्चस्व मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य में तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। मध्यप्रदेश में तो कई ग्राम पंचायतों और जनपद पंचायतों में इस पार्टी ने सरपंच, पंच और जनपद सदस्य व अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद पर अपनी जीत दजऱ् करके जनता के हृदय में अपना स्थान बना लिया है। 

देश के पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिनमें से मध्यप्रदेश में दिनांक 17 व छत्तीसगढ़ में 07 और 17 नवम्बर 2023 को मतदान होना है। इन दोनों राज्यों में सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के पक्ष में सघनरूप से प्रचार कर रहे हैं, जबकि भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के नशे-मांसाहार से मुक्त चरित्रवान्, चेतनावान्, परोपकारी और पुरुषार्थी कार्यकर्ता पार्टी की जनहितकारी नीतियों को लेकर डोर-टु-डोर सम्पर्क करने में संलग्न हैं।  

  विधानसभा चुनाव में गिने-चुने दिन ही शेष रह गए हैं। भारतीय शक्ति चेतना पार्टी एक ऐसी पार्टी है, जो कि अन्य दलों की तरह पैसों और शराब तथा झूँठे वायदों के बल पर चुनाव नहीं लड़ेगी, बल्कि उसके पास मानवता की सेवा, धर्मरक्षा और राष्ट्ररक्षा करने का मुख्य मुद्दा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके शत-प्रतिशत कार्यकर्ता और उम्मीदवार जनसेवाव्रती होने के साथ ही नशे-मांसाहार से मुक्त परोपकारी व पुरुषार्थी हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि वे चरित्र के धनी हैं।

 गौरतलब है कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, ये दोनों कथित भ्रष्टाचारपूर्ण व्यवस्था में एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। भाजपा सरकार से प्रदेश में किसानों और युवाओं समेत हर वर्ग परेशान है। वहीं कांग्रेस पार्टी के चाल-चरित्र से भला कौन परिचित नहीं है?  

  टूटता गठबंधन 

दो दजऱ्न से भी ज़्यादा विपक्षी दलों ने 18 जुलाई को बेंगलुरू में इंडियन नेशनल डवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) नाम से नए गठबंधन का ऐलान किया था। राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने यह कहा था कि भाजपा को हराने के लिए वे त्याग करने में संकोच नहीं करेंगे, क्योंकि यही राष्ट्रीय हित का तकाजा है, परन्तु पहली बड़ी चुनावी परीक्षा में ही वे वायदे और दावे खोखले साबित हो रहे हैं! नवंबर में हो रहे पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कम से कम चार दल- कांग्रेस, आप, सपा और जद-यू परस्पर एक-दूसरे के विरुद्ध खड़े हो रहे हैं, तथापि अभी से यह गठबंधन टूटता प्रतीत हो रहा है। ऐसे में देर-सबेर जनता के सामने विकल्प के रूप में केवल भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ही है और यही पार्टी जनता के हितों की रक्षा कर सकती है।

तीन राज्यों में परस्पर  टकराव की स्थिति

तेलंगाना और मिजोरम में क्षेत्रीय दल बीआरएस और मिजो नेशनल फ्रंट सत्ता में हैं। ये दल विपक्षी गठबंधन में शामिल भी नहीं हैं। इसलिए इन राज्यों में तो विपक्षी गठबंधन में परस्पर टकराव की संभावना नहीं, पर शेष तीनों राज्यों-राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में ये दल आपस में टकराते दिख रहे हैं, इस टकराव का भी भारतीय शक्ति चेतना पार्टी को लाभ मिल सकता है।  

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