चिरौंजी को एक सूखे मेवे के तौर पर उपयोग किया जाता है। छोटे-छोटे दानेदार दिखने वाले चिरौंजी के कई फायदे भी हैं। यही वजह है कि इसे सेहत लिए रामबाण माना जाता है।
चिरौंजी डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद साबित होती है। चिरौंजी से संबंधित एक शोध में माना गया कि चिरौंजी की पत्तियों के अर्क में एंटीडायबिटिक प्रभाव पाया जाता है। इसके कारण चिरौंजी की पत्तियों का अर्क इन्सुलिन की सक्रियता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। चिरौंजी के बीज भी डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
सूजन की समस्या होने पर
सूजन की समस्या में भी चिरौंजी इस्तेमाल कर सकते हैं। चिरौंजी के बीज के इस्तेमाल से भी सूजन की समस्या कम होती है। इसकी पत्तियों में एंटीइन्फ्लामेट्री गुण पाया जाता है। वहीं, इसका बीज भी एंटीइन्फ्लामेट्री एजेंट की तरह काम करता है।
बीमारियों से लडऩे में मददगार
चिरौंजी के बीज को इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। एक शोध में माना गया है कि चिरौंजी बीज के अर्क का इस्तेमाल व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाने का काम करता है। वहीं, व्हाइट ब्लड सेल्स को इम्यून सिस्टम का अहम हिस्सा माना जाता है, जो शरीर को वायरस, बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट के हानिकारक प्रभाव से बचाने में मदद करती हैं।
डायरिया का इलाज है चिरौंजी
डायरिया की समस्या दूर करने में भी चिरौंजी उपयोगी है। चिरौंजी के पेड़ की छाल के चूर्ण को शहद के साथ लेने से डिसेंट्री यानी डायरिया इंफेक्शन से राहत मिल सकती है। वहीं, दूसरी ओर एनसीबीआई एक शोध में जिक्र मिलता है कि चिरौंजी की जड़ में एस्ट्रिंजेंट प्रभाव पाया जाता है। यह डायरिया की समस्या में राहत पहुंचाने का काम करता है।
कब्ज में भी पहुंचाए राहत
कब्ज की समस्या में भी चिरौंजी फायदेमंद है। शोध में माना गया है कि चिरौंजी के फल में लैक्सेटिव यानी मल को ढीला करके बाहर निकालने वाला गुण पाया जाता है। कब्ज की परेशानी में लैक्सेटिव गुण को उपयुक्त और फायदेमंद माना जाता है ।
सिर दर्द को करे ठीक
सिर दर्द की समस्या से पीडि़त व्यक्ति राहत पाने के लिए चिरौंजी के बीज को इस्तेमाल में ला सकता है। चिरौंजी के बीज में औषधीय गुणों के साथ इसमें एनाल्जेसिक यानी दर्दनिवारक प्रभाव पाया जाता है।