भोपाल। हमारे भारत देश का हृदय कहा जाने वाला मध्यप्रदेश, पर्यटन के क्षेत्र में भी अपनी विशेष पहचान रखता है। अनेक धर्मों की सांस्कृतिक और अध्यात्मिक विरासत का समावेश आपको जहां एक अद्भुत राज्य का अहसास कराता है, वहीं असंख्य स्मारक, जटिल नक्काशीदार मंदिर, स्तूप, किले और महलों के लिए भी जाना जाता है। लेकिन, इन सबसे हटकर प्रदेश की राजधानी भोपाल को झीलों की नगरी के तौर पर जानना महत्त्वपूर्ण है, जहां आप प्रकृति की कुछ खूबसूरत कलाकृतियों के अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। यहां आपको 5-10 नहीं, बल्कि 170-180 प्रजातियों के 50 हज़ार से अधिक रंग-बिरंगे प्रवासी और देशी पक्षी देखने को मिलते हैं और इन पंछियों के अलावा भी यहां देखने के लिए बहुत कुछ है। यही कारण है कि यहां हर वर्ष यूरोप, आयरलैंड, ब्रिटेन और चीन समेत अन्य देशों से प्रवासी पक्षी भोपाल आते हैं।
दो तालाब मिलकर बने भोज वेटलैंड
शहर में बड़ा और छोटा तालाब मिलकर भोज वेटलैंड बन चुके है। यह विश्व के कुछ चुनिंदा रामसर स्थलों में से एक तो है ही, इसके साथ ही पर्यटन की दृष्टि से भी यह एक बेहतरीन स्थान है। गौरतलब है कि हमारे देश में जितने भी रामसर वेटलैंड्स हैं, उनमें से सबसे आसानी से पहुंच सकने वाली आद्रभूमियों में भोज वेटलैंड शामिल हैं। इसके साथ ही आपको यहां झील के चारों ओर खूबसूरत सड़क भी दिखेगी, जिससे आप झील के चारों ओर के सुन्दर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
देखने को मिलेंगे कई प्रजातियों के पक्षी
लार्ज कामेरिंट, साइबेरियन स्टोन चैट, कामन शिफचैफ, गल, ब्लैक हेडेड गल, पर्पल हेरान, यूरेशियन कूट, स्पाट बिल्ड डक, लेसर व्हिसलिंग डक, यूरेशियन राइनेक, ग्रे लेग्ड गूज बर्ड्स, ब्लैक हेडेड आइबिस, ग्लासी आइबिस, रेड स्टार्ट, कामन स्निप जैसे पक्षियों के साथ ही रेड नेप्ड आइबिस, नार्दर्न शावेलर, कामन टील, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कामन पोचार्ड, ब्लैक हेडेड आइबिस, ब्लू थ्रोट, लेसर व्हाइट थ्रोट, ग्रीन सैंडपाइपर, पेंटेड स्टार्क, ब्राउन हेडेड, रेड नेप्ड आइबिस, ब्लैक हेडेड बंटिंग जैसी अनेकों प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलेंगे।
पक्षियों के अलावा भी बहुत कुछ
केवल पंछियों के लिए ही नहीं, बल्कि यह वेटलैंड अन्य कई पौधों जैसे मैक्रोफाइट्स, फाइटोप्लांकटन व अनेक जीवों ज़ोप्लांकटन, मछली की अनेक प्रजातियों, कई तरह के कीड़ों और सरीसृपों के लिए जानी जाती है।