डॉ. भीमराव आंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब आंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्मदिन 14 अप्रैल को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले आंबेडकर को समानता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। आंबेडकर को विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन, संविधान निर्माता और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाना जाता है। यह दिवस उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने का दिन है।
सन् 2016 में भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर देश तथा विश्व में डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई। इस दिन को सभी भारतीय राज्यों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया गया। 14 अप्रैल 2024 को 133 वीं जयंती मनाई जायेगी।
आंबेडकर जयंती के दिन भारत के कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित किया जाता है। नई दिल्ली, संसद में उनकी मूर्ति पर हर वर्ष भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, अन्य राजनैतिक पार्टियों के नेताओं, तथा आम लोगों के द्वारा अभिवादन किया जाता है। आंबेडकरवादी लोग अपने घरों में उनकी प्रतिमा को अभिवादन करते हैं। सार्वजनिक लगी आंबेडकर मूर्तियों पर लोग उन्हें पुष्पमाला पहनाकर सम्मान देते हैं, उनकी मूर्ति को सामने रख लोग परेड करते हैं और ढोल बजाकर नृत्य का भी आनंद लेते हैं।