Tuesday, November 26, 2024
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तुलसी की पत्तियां पाचन को रखती हैं दुरुस्त

औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी एक ऐसी जड़ी बूटी है, जिसका पौधा हर घर में मौजूद होता है। तुलसी का इस्तेमाल सदियों से कई बीमारियों का उपचार करने में किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी की कई किस्में होती हंै, जिसमें राम तुलसी और कृष्ण तुलसी सबसे आम हैं। तुलसी इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है और बॉडी को हेल्दी रखती है। अब प्रश्न यह उठता है कि दोनों तुलसी में क्या अंतर है?

कौन सी तुलसी है अधिक लाभप्रद?

आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार, राम तुलसी का उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है साथ ही ये तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर है। राम तुलसी की पत्तियां तुलसी की दूसरी किस्म की तुलना में स्वाद में ज़्यादा मिठी होती है। श्यामा तुलसी की पत्तियों का रंग डार्क हरा होता है इसका तना बैंगनी रंग का होता है और इसका उपयोग कम ही किया जाता है। इस तुलसी में कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। इस तुलसी की पत्तियां तुलसी की अन्य किस्मों की पत्तियों की तुलना में कम कड़वी होती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक दोनों तरह की तुलसी के पत्तों से सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचता है। दोनों तुलसी का इस्तेमाल बुखार, स्किन रोग, पाचन, मेटाबॉलिज्म और इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करने में किया जाता है। कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि तुलसी का सेवन करने से तनाव और एंजाइटी की समस्या का भी उपचार होता है तथा वजन को कम करने में भी तुलसी का सेवन असरदार है।

जिन लोगों को सांस की बदबू की परेशानी होती है, वे तुलसी का सेवन करें, मुंह की बदबू से निजात मिलेगी। इसका सेवन करके नियमित रूप से खांसी और सर्दी का इलाज किया जा सकता है। राम तुलसी का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है, जबकि श्यामा तुलसी से स्किन में निखार आता है। राम तुलसी इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाती है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है।

कैसे करें तुलसी का सेवन?

आप तुलसी का सेवन उसका काढ़ा बनाकर कर सकते हैं। तुलसी का इस्तेमाल इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए चबाकर या निगल कर भी कर सकते हैं।

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