बेनोलिम (गोवा)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का विस्तार तेजी से हो रहा है और इसमें भारत भी पूरा सहयोग दे रहा है। गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की शुक्रवार को आयोजित बैठक में म्यांमार, यूएई, बहरीन, कुवैत और मालदीव को वार्ता सलाहकार के तौर पर जोडऩे का फैसला होने वाला है। इसके अलावा ईरान और बेलारूस को पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर जोड़ा जाएगा।
इन दोनो फैसलों पर जुलाई 2023 में एससीओ की शिखर बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। इस तरह से अब एससीओ के पूर्णकालिक सदस्यों की संख्या बढ़ कर दस और वार्ता साझेदारों की संख्या 14 हो जाएगी। कालांतर में इन सभी वार्ता साझेदार देशों को पूर्णकालिक देश के तौर पर शामिल किया जा सकता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में 15 महत्त्वपूर्ण समझौतों पर सहमति बनेगी। ये समझौते रणनीति, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, वाणिज्य व कारोबा जैसे मुद्दों से संबंधित हैं। इन समझौतों को जुलाई 2023 में एससीओ के प्रमुखों की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। एससीओ की स्थापना के बाद पहली बार एक साथ इतने बड़े सहयोग समझौतों को मंजूरी भारत की अध्यक्षता में दी जाएगी।बेनोलिम (गोवा)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का विस्तार तेजी से हो रहा है और इसमें भारत भी पूरा सहयोग दे रहा है। गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की शुक्रवार को आयोजित बैठक में म्यांमार, यूएई, बहरीन, कुवैत और मालदीव को वार्ता सलाहकार के तौर पर जोडऩे का फैसला होने वाला है। इसके अलावा ईरान और बेलारूस को पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर जोड़ा जाएगा।
इन दोनो फैसलों पर जुलाई 2023 में एससीओ की शिखर बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। इस तरह से अब एससीओ के पूर्णकालिक सदस्यों की संख्या बढ़ कर दस और वार्ता साझेदारों की संख्या 14 हो जाएगी। कालांतर में इन सभी वार्ता साझेदार देशों को पूर्णकालिक देश के तौर पर शामिल किया जा सकता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में 15 महत्त्वपूर्ण समझौतों पर सहमति बनेगी। ये समझौते रणनीति, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, वाणिज्य व कारोबा जैसे मुद्दों से संबंधित हैं। इन समझौतों को जुलाई 2023 में एससीओ के प्रमुखों की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। एससीओ की स्थापना के बाद पहली बार एक साथ इतने बड़े सहयोग समझौतों को मंजूरी भारत की अध्यक्षता में दी जाएगी।बेनोलिम (गोवा)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का विस्तार तेजी से हो रहा है और इसमें भारत भी पूरा सहयोग दे रहा है। गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की शुक्रवार को आयोजित बैठक में म्यांमार, यूएई, बहरीन, कुवैत और मालदीव को वार्ता सलाहकार के तौर पर जोडऩे का फैसला होने वाला है। इसके अलावा ईरान और बेलारूस को पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर जोड़ा जाएगा।
इन दोनो फैसलों पर जुलाई 2023 में एससीओ की शिखर बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। इस तरह से अब एससीओ के पूर्णकालिक सदस्यों की संख्या बढ़ कर दस और वार्ता साझेदारों की संख्या 14 हो जाएगी। कालांतर में इन सभी वार्ता साझेदार देशों को पूर्णकालिक देश के तौर पर शामिल किया जा सकता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में 15 महत्त्वपूर्ण समझौतों पर सहमति बनेगी। ये समझौते रणनीति, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, वाणिज्य व कारोबा जैसे मुद्दों से संबंधित हैं। इन समझौतों को जुलाई 2023 में एससीओ के प्रमुखों की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। एससीओ की स्थापना के बाद पहली बार एक साथ इतने बड़े सहयोग समझौतों को मंजूरी भारत की अध्यक्षता में दी जाएगी।
बेनोलिम (गोवा)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का विस्तार तेजी से हो रहा है और इसमें भारत भी पूरा सहयोग दे रहा है। गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की शुक्रवार को आयोजित बैठक में म्यांमार, यूएई, बहरीन, कुवैत और मालदीव को वार्ता सलाहकार के तौर पर जोडऩे का फैसला होने वाला है। इसके अलावा ईरान और बेलारूस को पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर जोड़ा जाएगा।
इन दोनो फैसलों पर जुलाई 2023 में एससीओ की शिखर बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। इस तरह से अब एससीओ के पूर्णकालिक सदस्यों की संख्या बढ़ कर दस और वार्ता साझेदारों की संख्या 14 हो जाएगी। कालांतर में इन सभी वार्ता साझेदार देशों को पूर्णकालिक देश के तौर पर शामिल किया जा सकता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में 15 महत्त्वपूर्ण समझौतों पर सहमति बनेगी। ये समझौते रणनीति, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, वाणिज्य व कारोबा जैसे मुद्दों से संबंधित हैं। इन समझौतों को जुलाई 2023 में एससीओ के प्रमुखों की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। एससीओ की स्थापना के बाद पहली बार एक साथ इतने बड़े सहयोग समझौतों को मंजूरी भारत की अध्यक्षता में दी जाएगी।