नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को 01 दिसंबर से खुदरा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के लिए एक घोषणा की। डिजिटल रुपया, एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा, जो लीगल टेंडर होगा। इस पाइलट प्रोजेक्ट के लिए कुल 08 बैंकों की पहचान की गई है। इसके पहले चरण में कुल चार बैंक शामिल होंगे और इनमे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक व आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल हैं।
डिजिटल रुपया जैसे कागजी नोट जारी किये जाते थे, वैसे ही जारी किए जाएंगे। यह बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। रिज़र्व बैंक ने यह भी कहा कि उपयोगकर्ता संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपये के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे।
वहीं आरबीआई ने बताया कि लेन-देन पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू मर्चेंट दोनों हो सकते हैं। व्यापारिक स्थानों पर लगे क्यूआर कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है।
क्या है डिजिटल रुपया?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (ष्टक्चष्ठष्ट) या डिजिटल रुपया आरबीआई के द्वारा जारी करेंसी नोटों का एक डिजिटल रूप है। डिजिटल करेंसी या रुपया पैसे का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग कांटेक्ट रहित लेनदेन में किया जा सकता है। केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि केंद्रीय बैंक जल्द ही अपनी डिजिटल मुद्रा शुरू करेगा।
आठ बैंकों को चुना गया
इस प्रोजेक्ट के लिए आठ बैंकों को चुना गया है। पहले चरण में चार बैंक हैं। इनमें एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल हैं। वहीं इसके बाद इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल होंगे।
नहीं मिलेगा ब्याज
अगर आप चाहेंगे तो इसे कागजी नोट में भी हासिल कर सकेंगे। रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी ष्टक्चष्ठष्ट-ङ्ख और ष्टक्चष्ठष्ट-क्र में बांटा है। ष्टक्चष्ठष्ट-ङ्ख मतलब होलसेल करेंसी और ष्टक्चष्ठष्ट-क्र का मतलब रिटेल करेंसी से है। हालांकि इनपर कोई ब्याज नहीं मिलेगा।