हिन्दूधर्म में ऋषिपंचमी का अपना एक अलग ही महत्त्व है। ऋषिपंचमी का त्यौहार हिन्दू पंचांग के भाद्रपद महीने में शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व ०१ सितम्बर को है। इस दिन ऋषियों के प्रति श्रद्धाभाव व्यक्त किया जाता है। इस दिन हिन्दूधर्मावलम्बी उन प्राचीन ऋषियों के महान कार्यों का स्मरण करते हुए उनके सम्मान में कृतज्ञता व्यक्त करते हैं, जिन्होंने समाज के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
हमारे प्राचीन सप्तऋषि- कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम महर्षि, जमदग्नि और वशिष्ठ जी हैं। ऋषिपंचमी के दिन गंगा में स्नान करने का भी महत्त्व है और यदि गंगास्नान करना सम्भव न हो, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए। तत्पश्चात् ऋषियों का स्मरण करते हुए किए हुए अपने पापकर्मों से मुक्ति की भावना लेकर अपने इष्ट की आराधना करनी चाहिए।