नई दिल्ली। केंद्रीय कानूनमंत्री किरेन रिजिजू की ओर से उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था को अपारदर्शी, गैर जवाबदेह के रूप में बताने और उसमें बहुत सारी राजनीति शामिल होने की बात कहने के कुछ दिनों बाद ही बुधवार को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने केंद्रीय मंत्री के बयान को लेकर ये बातें कही हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम सिस्टम को सकारात्मक प्रकाश में देखा जाना चाहिए और इसे सुधारने के प्रयास किए जाने चाहिए। अपने इंटरव्यू में उन्होंने सीजेआई बनने के बाद की अपनी प्राथमिकताओं के बारे में भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी संस्था पूर्ण होने का दावा नहीं कर सकती और लोगों की गोपनीयता को संरक्षित करने की भी ज़रूरत है।
जस्टिस ने बताया कि जजशिप की पेशकश को स्वीकार करके भी आप अपने निजी जीवन को जांच के स्तर पर उज़ागर कर रहे हैं। दरअसल यह संस्था की ज़रूरतों या हितों से जुड़ा हुआ नहीं है।