नई दिल्ली। दालों की कीमतें बढऩे के बाद प्राय: स्कूलों में बच्चों को मुहैया कराने जाने वाले खाने से दालें गायब हो जाती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को पहले से ही इसके विशेष इंतजाम रखने के निर्देश दिए है। साथ ही कृषि मंत्रालय की ओर से चने की दाल पर दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाते हुए जरूरत के मुताबिक इसके भंडारण के भी निर्देश दिए है।
स्कूलों में मुहैया कराने वाले मिड- डे मील में परोसी जाने वाली दाल की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहते है। ऐसे में अक्सर इसके पीछे की वजह दाल की कीमतों का बढऩा रहता है। यही वजह है कि मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय की ओर से चने की दाल को लेकर चलाई जा रही सब्सिडी स्कीम के तहत इसे खरीदने का फैसला लिया है। इसके लिए सभी राज्यों से ज़रूरत पूछी गई है।
साथ ही कृषि मंत्रालय से चर्चा कर इसे तीस-तीस किलो के पैकेज में उपलब्ध कराने को भी कहा है, ताकि स्कूलों को वितरित करने में आसानी हो। इसके साथ ही इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे एफएसएसआई ( फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया) से प्रमाणित कराना ज़रूरी होगा।