संकल्प शक्ति। 03 जुलाई 2023 को गुरुपूर्णिमा का महापर्व पूरे देश में अतिप्रसन्नतापूर्वक मनाया गया। लाखों-करोड़ों शिष्यों ने अपने गुरु का चरण-वन्दन करके कामना की कि उन्हें सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त हो।
गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर, अध्यात्मिक तपस्थली पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम पर तो शिष्यों का अपने सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के प्रति श्रद्धाभक्ति का अविरल प्रवाह दृष्टव्य रहा। पूर्णिमा तो अपने आपमें पूर्णत्व का प्रतीक है, लेकिन जब इसमें गुरु शब्द जुड़ा हो, तब यह दिवस और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है। जिस तरह पूर्णिमा का चन्द्रमा जगत् के अंधकार को चीरकर प्रकाश भर देता है, उसी तरह एक सद्गुरु अपने शिष्यों के हृदय के अन्धकार का हरण करके ज्ञान का प्रकाश भर देता है।
गुरुपूर्णिमा का पावन दिवस शिष्यों के लिये राष्ट्रीय पर्वों से भी अधिक उत्साहवर्धक रहा। पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम में ऋषिवर सद्गुरुदेव परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के शिष्यों का तांता एक दिवस पूर्व से ही लगना शुरू हो गया था। श्रद्धाभक्ति में डूबे शिष्यगण हज़ारों की संख्या में सिद्धाश्रम पहुंचकर सद्गुरुदेव जी महाराज के चरणों को स्पर्श करके जीवन को धन्य बनाया।
प्रात:कालीन बेला में परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ मंदिर में पहुंचकर माता भगवती की दिव्य आरती करने के बाद कुछ देर ध्यान में लीन रहे। इस दौरान चालीसा पाठ मंदिर पर शालीनतापूर्वक पंक्तिबद्ध बैठे हुये हज़ारों भक्त ‘माँ’ का गुणगान करते रहे। तत्पश्चात्, परम पूज्य गुरुवरश्री मूलध्वज साधना मंदिर पहुँचे और वहाँ नवीन शक्तिध्वजारोहण के साथ ही माता आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा की पूजा-अर्चना की।
तदोपरान्त, शक्तिस्वरूपा बहनों ने प्रणामभवन में परम पूज्य गुरुवर के श्रीचरणों का पूजन किया और सभी शिष्यों ने पंक्तिबद्ध होकर सद्गुरुदेव भगवान् का चरण वन्दन करके अपने सौभाग्य को सराहते रहे।