नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 में हुए लाल किले पर हमले के दोषी आरिफ की फांसी की सजा बरकरार रखी है। कोर्ट ने उसकी रिव्यू पिटीशन ख़ारिज कर दी है। लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन ने 22 दिसंबर 2000 में लाल किले पर आतंकवादी हमला किया था। इस हमले में दो सैनिकों सहित 3 अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में दो आतंकियों को मार गिराया था। इस मामले में 31 अक्टूबर 2005 को अशफाक को निचली अदालत से फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर लंबी सुनवाई की और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए 10 अगस्त 2011 को आतंकी आरिफ को फांसी की सजा सुनाई थी।