नीमच। नीमच जल संसाधन विभाग 52 करोड़ रुपए की लागत से सिंगोली रतनगढ़ के बीच बाणदा गांव के पास पहाडिय़ों में बांध निर्माण करवा रहा है। इसका बाणदा व आसपास के आदिवासियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने निर्माण स्थल पहुंचकर काम बंद करवा दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने ठेकेदार के सुपरवाइजर की गर्दन पर तलवार रख दी और जब जल संसाधन विभाग के एसडीओ वहां पहुंचे तो उनकी गाड़ी के कांच फोड़ डाले।
आदिवासियों के द्वारा बांध का काम रोके जाने पर अधिकारियों ने निर्माण कार्य बंद करके रतनगढ़ थाने पर शिकायत दर्ज करवाई है। जल संसाधन विभाग ने बाणदा गांव के पास बांध निर्माण दो माह पहले ठेकेदार के माध्यम से शुरू करवाया है। इस बांध के निर्माण से बाणदा व आसपास के गांव डूब में आ जाएंगे। इससे ग्रामीणों को घर व ज़मीन छीने जाने का डर है। इस कारण गांव के लोग प्रारंभ से ही इसका विरोध कर रहे हैं। एक माह पूर्व सिंगोली में आदिवासी समाज ने महासभा आयोजित करके प्रशासन से बांध निर्माण बंद करने की मांग की थी।
बांध परियोजना का कार्य प्रारंभ होने पर 18 मार्च को भी आदिवासियों ने विरोध-प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि वे लोग परिवार के साथ वर्षों से बाणदा क्षेत्र में कृषि और पशुपालन करते आ रहे हैं। बावजूद इसके, सरकार उन्हें विस्थापित कर रही है।
आर-पार की लड़ाई की चेतावनी
आदिवासियों ने निर्माण बंद नहीं करने पर आरपार की लड़ाई लडऩे की चेतावनी भी दी थी। बावजूद इसके बगैर सुरक्षा व्यवस्था के प्रशासन ने निर्माण जारी रखा। मामले में आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार को निर्माण स्थल पहुंचकर विरोध किया। ग्रामीणों ने ठेकेदार के कर्मचारियों व अधिकारियों को निर्माण कार्य बंद करने की बात कही। निर्माण बंद नहीं करने पर कुछ लोगों ने ठेकेदार के सुपरवाइजर की गर्दन पर तलवार रख दी और काम बंद करने के लिए कहा। इससे ठेकेदार के मज़दूर डर गए और काम बंद कर भाग गए।