Monday, May 20, 2024
Homeक्षेत्रीयमूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं अनेक विद्यालयों के विद्यार्थी

मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं अनेक विद्यालयों के विद्यार्थी

नई दिल्ली। देश की स्वतन्त्रता के 75 साल बाद भी देश के एक चौथाई से अधिक विद्यालय बिजली, पेयजल, शौचालय और विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं।

 एक जानकारी के मुताबिक एक चौथाई से अधिक लगभग 26 प्रतिशत विद्यालयों में पीने के लिए स्वच्छ पानी तक नहीं है। इतना ही नहीं लगभग उन विद्यालयों में शौचालय व बिजली की सुविधा नहीं है। अनेक स्कूलों में तो विद्यार्थियों को पढ़ाए जाने के लिए विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की भी कमी है। हालांकि इसमें कुछ सुधार अवश्य हुआ है।

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में 74.2 फीसदी स्कूलों में उपयोग करने योग्य शौचालय उपलब्ध थे, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 76.4 हो गए। इसी प्रकार वर्ष 2018 में 74.8 फीसदी स्कूलों में पेयजल सुविधा थी, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 76 फीसदी हो गई। पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी का तो कहना ही क्या।  

 एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 2.9 फीसदी स्कूलों में शौचालय की सुविधा नहीं थी, वहीं 21 फीसदी स्कूलों में शौचालय की सुविधा तो थी, लेकिन वे प्रयोग करने योग्य नहीं थे। यानी लगभग 24 फीसदी स्कूलों में विद्यार्थी शौचालयों की सुविधाओं से वंचित हैं। इसी तरह 20 फीसदी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग शौचालय नहीं हैं और यदि हैं भी तो बंद हैं।

एएसईआर के अनुसार, 21.7 फीसदी स्कूलों में पुस्तकालय नहीं है और 77.3 फीसदी स्कूलों में बच्चों के इस्तेमाल के लिए कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 93 फीसदी स्कूलों में ही बिजली है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

आगामी कार्यक्रमspot_img

Popular News