Thursday, May 9, 2024
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शक्ति-सामर्थ्य को घटाती है ईर्ष्या-द्वेष की भावना: बहन पूजा शुक्ला

दमोह। भगवती मानव कल्याण संगठन एवं पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम ट्रस्ट के संयुक्त तत्त्वावधान में दिनांक 01-02 जनवरी को ग्राम-धनगौर (गुंजी), जि़ला-दमोह में 24 घंटे का श्री दुर्गाचालीसा अखण्ड पाठ सम्पन्न किया गया।

समापन अवसर पर संगठन की केन्द्रीय अध्यक्ष शक्तिस्वरूपा बहन सिद्धाश्रमरत्न पूजा शुक्ला जी ने उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ”अंग्रेज़ी कैलेण्डर का नया वर्ष प्रारम्भ हो गया है और जब भी कोई नया क्रम प्रारम्भ होता है, तो हम प्रकृतिसत्ता और गुरुसत्ता की स्तुति करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लेकिन, भौतिकता में लिप्त लोग नाच-गाने, नशे व अश्लीलता में, विकारों में समय नष्ट करते हैं, जो बहुत निन्दनीय है।

परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री शक्तिपुत्र जी महाराज ने हमें सोचने-समझने की सामथ्र्य प्रदान की है, अत: चाहे सुख हो या दु:ख, हर स्थिति-परिस्थिति में अपनी आत्मा की जननी माता भगवती आदिशक्ति जगत् जननी जगदम्बा को विस्मृत नहीं करना चाहिए, क्योंकि उन्हीं की कृपा से हमें यह जीवन मिला हुआ है। गुरुवरश्री ने बहुत पहले कहा था कि आप जो यह युगपरिवर्तन का शंखनाद कर रहे हैं, बहुत बड़ा परिवर्तन लायेगा और उसी शंखनाद का परिणाम है अयोध्या में राममंदिर का निर्माण, जहाँ रामलला जी विराजमान होने जा रहे हैं।

अपनी शक्ति-सामथ्र्य को व्यर्थ के कार्यों में मत गवांए, इसे बचाकर रखें और जहाँ भी अनीति-अन्याय-अधर्म हो रहा हो, वहाँ पर लगाएं, जिससे पीडि़त मानवता का कल्याण हो सके। अपने मन में ईष्र्या-द्वेष की भावना किसी के प्रति न रखें, क्योंकि यह भावना शक्ति-सामथ्र्य को घटाती है। गुरुवरश्री ने कहा है कि राम-राम कहने से कल्याण नहीं होने वाला है, बल्कि इसके लिए श्री राम के द्वारा बताए गए रास्ते पर चलना पड़ेगा। गुरुवर कहते हैं कि अपनी आत्मा की जननी को जानो, अपने मैं को जानो। आपकी आत्मा की जननी माता जगदम्बे हैं और उन्हीं की साधना-आराधना में जीवन का उद्धार हो सकता है।

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