Saturday, April 27, 2024
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15 मार्च को मनेगा विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस

15 मार्च को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाती है। इस दिवस का उद्देश्य है दुनिया भर के उपभोक्ताओं को कंज्यूमर राइट्स के प्रति ज़ागरुक और सजग बनाना। यही कारण है कि उपभोक्ता संरक्षण दिवस के मौके पर तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि उपभोक्ता ज़ागरूक हों और किसी भी तरह की धोखाधड़ी में ना फंसे। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण है उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी देना। 
भारत में उपभोक्ता दिवस कब?

विश्व उपभोक्ता दिवस से अलग भारत में भी उपभोक्ता के अधिकारों को संरक्षण देने के लिए उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। भारत में हर साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के नाम से इस दिन को मनाया जाता है। ताकि उपभोक्ताओं के हक और अधिकारों को सुरक्षा देने के साथ-साथ उन्हें ज़ागरूक भी किया जा सके। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986, उपभोक्ताओं को वे अधिकार देता है, जो उन्हें किसी तरह की जालसाज़़ी या धोखाधड़ी से बचा सके।भारतीय संविधान की धारा 14 से 19 के बीच आपको निम्नवत छह अधिकार उपलब्ध कराता है।                                                                                                                                                     

1. सुरक्षा का अधिकार                                                                                                                उपभोक्ताओं के अधिकारों में सबसे पहले आता है सुरक्षा का अधिकार, जिसका मतलब होता है वस्तुओं और सेवाओं के विपणन के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करना। इसके लिए गुणवत्ता चिन्ह निर्धारित किए गए हैं, जैसे आईएसआई, एग मार्क इत्यादि। ये चिन्ह किसी भी उत्पाद की गुणवत्ता की गारंटी देते है।

2. सूचना पाने का अधिकार इसका मतलब है कि उपभोक्ता को किसी भी वस्तु की मात्रा, गुणवत्ता, शक्ति, शुद्धता, स्तर और मूल्य के बारे में जानकारी पाने का पूरा अधिकार है। विक्रेता इससे इंकार नहीं कर सकता है।

3. चुनने का अधिकार उपभोक्ता को पूरा अधिकार है कि वह किसी भी पदार्थ के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हो और उसके बाद अपने विवेक से उसे चुन सके। यानि उपभोक्ता को पूरी छूट है कि वो वही खरीदे, जो खरीदना चाहता है।

4. सुनवाई का अधिकार अगर उपभोक्ता को किसी भी उत्पाद या पदार्थ से परेशानी है, तो उसकी बातों को ध्यान से सुना जाए।

5. विवाद सुलझाने का अधिकार विवाद सुलझाने का अधिकार भी उपभोक्ता को प्राप्त है। जिसका मतलब होता है, उपभोक्ता की शिकायतों का उचित निपटारा जल्द से जल्द हो।

6. जानकारी लेने का अधिकार  उपभोक्ता को ये अधिकार है कि वह उपभोक्ता संरक्षण से जुड़ी हर जानकारी अर्जित कर सकता है, ताकि शोषण से बच सके।

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