Monday, May 20, 2024
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गरीबों, असहायों, असमर्थों की आवाज़ है भारतीय शक्ति चेतना पार्टी

भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के स्थापना दिवस पर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्तिस्वरूपा बहन संध्या शुक्ला जी का यूट्यूब चैनल 'बीएससीपी' के माध्यम से कार्यकर्ताओं और देशवासियों के नाम संदेश

संकल्प शक्ति। भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के 10वें स्थापना दिवस (07 जून) पर पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओं एवं देशवासियों से ‘जय माता की-जय गुरुवर की’ दिव्य अभिवादन करते हुए पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष शक्तिस्वरूपा बहन सिद्धाश्रमरत्न संध्या शुक्ला जी ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा-

”आज भारतीय शक्ति चेतना पार्टी का 10वां स्थापना दिवस है और इन नौ सालों में भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ने समाज में व्याप्त अनीति-अन्याय-अधर्म के ख़िलाफ़, समाज में फैली विसंगतियों के ख़िलाफ़ पुरजोर आवाज़ उठाई है। गरीबों की, असहायों की, असमर्थोंं की, जिनकी आवाज़ सत्तासीन पार्टियाँ या विपक्षी पार्टियाँ सुनने में असमर्थ हैं, उनकी आवाज़ बनकर भारतीय शक्ति चेतना पार्टी उभरी है। गरीब वर्ग, मज़दूर वर्ग जो और जो आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी जीवन की मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। आज की जो पार्टियाँ हैं, वह चाहे कोई भी हो, आज़ादी के बाद से जितनी भी पार्टियाँ बनी हैं, चाहे वे सत्तापक्ष में रहीं हों या विपक्ष में रहीं हों, वे केवल और केवल समाज को बाटने की राजनीति करती रहीं हैं। वही अंग्रेज़ों की विचारधारा कि फूट डालो और राज करो। आज देश में जितनी भी पार्टियाँ हैं, वे कहीं न कहीं सम्प्रदायिकता की बात करती हैं, कहीं न कहीं जाति की बात करती हैं और लोगों को तोडऩे की बात करती हैं। समाज को एकजुट करने की बात कोई नहीं करता, देशभक्ति की बात कोई नहीं करता। यदि समाज को, देश को टुकड़ों-टुकड़ों में बाटा जाने लगा, तो समाज उत्थान की ओर कैसे बढ़ पायेगा?

आज़ादी के बाद से हमारा देश विकासशील ही बना रहा और आज तक पूरी तरह देश का विकास हो नहीं पाया। आज वे कई देश, जिन्होंने भारत देश के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी, आज विश्व में कहीं न कहीं आगे बढ़ रहे हैं, मगर भारत में बैठी हुई सत्ताओं के कारण, देश में छुपे हुए गद्दारों के कारण आज भी हमारा देश उन ऊचाईयों को नहीं प्राप्त कर पाया, जिसकी कल्पना हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने की थी। उन्होंने भारत को विश्वगुरु बनाने की कल्पना की थी, मगर वह कल्पना आज भी कल्पना ही बनी हुई है और उसका सबसे प्रमुख कारण है कि आज देश में जितनी भी राजनीतिक पार्टियाँ हैं, वे केवल सत्तासुख के लिए कार्य करती हैं, वे केवल स्वार्थ की राजनीति करती हैं। कोई किसी धर्म-सम्प्रदाय की बात करता है, तो कोई किसी सम्प्रदाय की बात करता है। देश के हित की बात करने वाली पार्टी कौन बनेगी? देश के हित की बात करने वाली पार्टी आज केवल भारतीय शक्ति चेतना पार्टी है।

बातें चाहे कोई कितनी ही कर ले, मगर समाज से भय-भूख-भ्रष्टाचार को कोई भी पार्टी समाप्त नहीं कर पाई, बल्कि समाज को पतन के मार्ग पर बढ़ाते चले गए। समाज में नशा बाटने का कार्य किया जा रहा है। हमारे युवाओं को नशा पिलाया जा रहा है, हमारे देश के नागरिकों को नशा पिलाया जा रहा है! यह इतना बड़ा अपराध है, जिसे देशद्रोह की संज्ञा दी जा सकती है। आख़िर वह राजा कैसा? जो प्रजा को ज़हर पिलाने का कार्य करे।

भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के स्थापना दिवस 7 जून 2022 पर बहन संध्या दीदी जी का देश के नाम सम्बोधन

आज भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की स्थापना करने की आवश्यकता ही इसलिए पड़ी कि समाज में फैले भय-भूख-भ्रष्टाचार, अपराध, इन सभी का पुरजोर विरोध किया जा सके और समाज को एक स्वच्छ राजनीति दी जा सके। ऐसी राजनीति, जिसकी कल्पना हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने की थी, ऐसी राजनीति, जो वास्तव में समाज को लाभ प्रदान कर सके। ऐसी राजनीति हो, जो पूरे देश को एकजुट करे, पूरे विश्व को प्रगति की ओर आगे लेकरके जाए। आज चाहे कोई नेता हो, किसी की भी ओर अपनी नज़रें उठाकर देखें, बातें बड़ी-बड़ी करेंगे, अपने आपको देशभक्त कहेंगे, मगर कथनी और करनी में कितना अन्तर है, यह किसी से छिपा नहीं है।

युवाओं में सशक्तीकरण की बात करते हैं और युवाओं को नशा पिलाया जायेगा, तो वे सशक्तीकरण की ओर कैसे बढ़ पायेंगे? बेरोजगारी बढ़ती चली जा रही है, पढ़े-लिखे हमारे युवा भाई-बहन आज बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं, बड़ी-बड़ी डिग्रियाँ हासिल करके घर पर बैठे हुए हैं और पलायन के लिए मज़बूर हैं, चूँकि राज्य सरकारें उनको रोजगार देने में असमर्थ हैं। छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है, यदि ऐसा किया गया होता, तो आज युवा बेरोजगार न होते और उन्हें रोजगार के लिए अपना गांव, अपना शहर, अपना प्रदेश छोड़ करके अन्यत्र बड़े-बड़े महानगरों की और पलायन नहीं करना पड़ता। सभी प्रदेशों का, सभी क्षेत्रों का एकसमान विकास क्यों नहीं हो पा रहा है? इसलिए कि राज्य सरकारें भ्रष्ट हो चुकी हैं। आपसी खींचातान में एक-दूसरे को गाली-गलौज करेंगे, एक-दूसरे पर टीका-टिप्पणी करेंगे और राजनेताओं का पचहत्तर प्रतिशत समय इसी में चला जाता है।

आज हमारे युवा भाई-बहन, हमारे किसान आत्महत्या की ओर कदम बढ़ा रहे हैं और राज्य सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई हैं। अपराध चरमसीमा पर बढ़ता चला जा रहा है और अपराधों को रोकने में सरकारें असफल हो चुकीं हैं। ऐसे कितने मुद्दे हैं, जिन पर हमें आवाज़ उठाने की आवश्यकता है।

क्या यही सशक्तीकरण है?

नारियों के सशक्तीकरण की बात की जाती है, जबकि नारियों पर कितना अत्याचार हो रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। दिन-प्रतिदिन, चाहे जिस दिन का अखबार खोलकर देखो, आएदिन हत्या और बलात्कार के मामले छपे हुए मिलते हैं। महिलाओं के सशक्तीकरण की बात की जाती है, मगर उन महिलाओं का क्या, जिनके पुरुष शराब पीकर घर आते हैं और घर में आकरके उनकी इज्जत को तार-तार करते हैं, उनसे मारपीट करते हैं, डराते हैं, धमकाते हैं। क्या यही सशक्तीकरण है? आख़िर महिलाओं को सुरक्षा कैसे मिल पायेगी? अपने घरों में ही महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और सरकारों के द्वारा शराब के धंधे को और बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तरप्रदेश की सरकार तो होम बार खोलने की बात कर रही है कि घर में बार खोलो, पैसा जमा करके लायसेंस ले लो और घर में शराब रखो, जिससे आपके घर के बच्चे भी पियें, आपके घर की महिलाएं भी पियें और हंगामा हो। यही नीति है सरकार की। आज जो महिलाओं पर अत्याचार होते हैं, उनमें 70 से 75 प्रतिशत अत्याचार शराब के नशे के कारण हो रहे हैं। एक शराबी को पता ही नहीं चलता कि वह कितना बड़ा अपराध कर रहा है? और उस हर अपराध की जि़म्मेदार हमारी ये सरकारें हैं। इनके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने की आवश्यकता है।

आज भी जीवित है रोटी, कपड़ा और मकान का मुद्दा

आज से 70-75 साल पहले जो रोटी-कपड़ा और मकान दिलाने का मुद्दा था, वह मुद्दा आज भी बरकरार है। यदि सरकारें चाहतीं, तो देश के एक भी नागरिक के पास इन चीजों का अभाव न होता। गरीबों के पास आज भी रहने के लिए मकान नहीं है, खाने के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं रहती, पहनने के लिए कपड़े नहीं हैं। ऐसे गरीबों की आवाज़ भारतीय शक्ति चेतना पार्टी बनेगी। हमें आवश्यकता है जागरूक होने की।

उड़ाई जा रही हैं संविधान की धज्जियाँ

संविधान की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। चुनाव के समय देखिये कि किस तरह राजनीतिक पार्टियाँ संविधान की धज्जियाँ उड़ाती हैं? एक-एक चुनाव में करोड़ों-करोंड़ों रुपए पानी की तरह बहा करके मतदान के एक दिन पहले शराब और रुपए बाट करके वोट खरीदने का कार्य करते हैं। जो राजनेता पैसे बाट करके जीत हासिल करते हों, उनसे आप कैसे अपेक्षा कर सकते हैं कि वे बिना भ्रष्टाचार किए क्षेत्र के विकासकार्य करेंगे? वह राजनेता, जो स्वयं अपराधिक मानसिकता के लोगों से घिरा हुआ हो, शराबमाफ़िया और अपराधिक प्रवृत्ति के लोग जिसके आसपास हों, ऐसे लोग समाज से अपराध को कैसे समाप्त कर पायेंगे?

वे अपराध को कैसे समाप्त कर पायेंगे?

आज हमारे देश में जितने भी सांसद और विधायक हैं, उनमें से अनेक के ऊपर अपराधिक मामले चल रहे हैं। सोचिए कि जो स्वयं अपराधी हैं और जिन्हें जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए, वे खुलेआम समाज में आकरके चुनाव लड़ करके पैसे के बलपर चुनाव जीतकर समाज का शोषण करते हैं। वे अपराध को कैसे समाप्त कर पायेंगे? इसीलिए आज आवश्यकता है भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की। हम मिलजुल करके, एकजुट होकरके आज भारत की आवाज़ बनें, वह आवाज़ बनें, जो सत्यधर्म की आवाज़ हो, जो किसी को बाटने की आवाज़ न हो, जो सभी को एकता के सूत्र में पिरो करके भारत को विश्वगुरु बनाने की आवाज़ हो।

कितने लोगों को मिल पाता है सरकारी योजनाओं का लाभ?

आज कानून तो बहुत बने हुए हैं, आज सरकारी योजनाएं आएदिन बनती हैं, मगर उन योजनाओं का लाभ कितने लोगों को मिल पाता है और उन योजनाओं पर कितनी ईमानदारी से कार्य किया जाता है? यदि वास्तव में आप आकलन करें, तो जितनी योजनाएं अब तक बन चुकी हैं, तो अलग से अन्य कोई योजना लाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी। चूँकि जितनी योजनाएं भारत सरकार के द्वारा आज तक बनाई गई हैं, उन पर शत-प्रतिशत ईमानदारी से कार्य कर लिया जाये, तो आपके देश की मँहगाई भी समाप्त हो जायेगी, बेराजगारी भी समाप्त हो जायेगी, महिलाएं भी सशक्त हो जायेंगी, युवा भी सशक्त हो जायेगा, देश का किसान भी सशक्त हो जायेगा, मज़दूर भी सशक्त हो जायेगा और देश का एक-एक नागरिक सशक्त और मज़बूत हो जायेगा। आवश्यकता है तो केवल मज़बूत आवाज़ उठाने की और यही कार्य भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के द्वारा किया जा रहा है।

हम समाजसेवा के लिए आए हैं

हम राजनीति में सत्तासुख भोगने के लिए नहीं आए हैं, हम राजनीति के माध्यम से समाजसेवा करने के लिए आए हैं, समाजसुधार के लिए आए हैं और हमें अपनी निष्ठा पर पूरा विश्वास है, अपनी ईमानदारी पर पूरा विश्वास है, हमें देश के प्रति अपने समर्पण पर पूर्ण विश्वास है और अपनी पार्टी के संस्थापक-संचालक योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज पर पूर्ण विश्वास है कि हम देशहित में, समाजहित में ईमानदारी से कार्य करते रहेंगे, तो एक न एक दिन सफलता हमारे साथ अवश्य खड़ी होगी। हम समाज में रचनात्मक कार्य करने आए हैं, हम किसी जातिभेद, छुआछूत को नहीं मानते, हम हर भारतवासी को एकसमान मानते हैं और उनकी आवाज़ बन करके अनीति-अन्याय-अधर्म के ख़िलाफ़ तब तक आवाज़ उठाते रहेंगे, जब तक कि ईमानदारी से सत्तापक्ष कार्य नहीं करता। या तो वे सुधर जाएं, अन्यथा भारतीय शक्ति चेतना पार्टी धीरे-धीरे अपनी नीव मज़बूत कर ही रही है और आज समाज का जितना बड़ा समर्थन भारतीय शक्ति चेतना पार्टी को प्राप्त हो रहा है, निश्चित रूप से यह हमारे कार्यकर्ताओं की अभूतपूर्व सफलता है।

आइए, देश के उत्थान के लिए कार्य करें

आज हमारे वीर जवान सीमा पर डटे हुए हैं, वे परवाह नहीं करते सर्दी की, गर्मी की और चाहे जैसा भी मौसम हो, वे देश की रक्षा के लिए तटस्थता से खड़े हुए हैं। उन सभी सेनाओं को, तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्षों को नमन करते हुए और उनको ध्यान में रखते हुए संकल्प लेते हैं तथा उन्हें भी आश्वासन देना चाहते हैं कि हे हमारे देश के वीर जवानों, हे हमारे देश के सैनिकों, जिस तरह विदेशी दुश्मनों से, घुसपैठियों से देश की रक्षा करने के लिए सीमा पर सीना ताने खड़े हो, उसी तरह भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़, दंगाइयों के ख़िलाफ़, देशद्रोहियों के ख़िलाफ़ सीना ताने खड़ी हुई है। हम इन्हें भारतदेश का और नुकसान नहीं करने देंगे। समाज की आवाज़ बन करके भारतीय शक्ति चेतना पार्टी कार्य कर रही है।
आइए, हम सब मिलजुल करके देश की प्रगति के लिए, देशवासियों के उत्थान के लिए कार्य करें। जय हिन्द, जय भारत।”

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