Thursday, May 9, 2024
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गुप्त नवरात्रारंभ पर विशेष

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चार बार नवरात्र मनाए जाते हैं, जिसमें चैत्र और आश्विन माह (शारदीय नवरात्र) में प्रकट नवरात्र मनाई जाती है। वहीं माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र मनाई जाती हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्र में माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।

 माघ मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्र की शुरुआत मानी जाती है। ऐसे में पंचांग के अनुसार, साल 2024 में माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत 10 फरवरी, दिन शनिवार के दिन से हो रही है। वहीं, 18 फरवरी, रविवार के दिन इसका समापन होगा।

 सनातन धर्म में नवरात्र के समय में माँ दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है, जबकि गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना गुप्त तरीके से की जाती है। 

ये हैं दस महाविद्याएं   

काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला। गुप्त नवरात्र के दौरान इन दस महाविद्याओं की पूजा का विधान है। ये 10 महाविद्याएं माँ दुर्गा के ही रूप हैं। माना जाता है कि इनकी आराधना करने से साधक की सिद्धि पूरी होती है।

दो देवियों की पूजा का अवसर और

इस गुप्त नवरात्र में केवल दस देवियों के लिए नही, बल्कि माता सरस्वती और माँ नर्मदा की आराधना के लिए भी दो विशेष दिन मिलेंगे, क्योंकि गुप्त नवरात्र के बीच ही यानी 14 फरवरी को बसंतपंचमी मनाई जाएगी, जिस दौरान माता सरस्वती की पूजा की जाती है। वहीं, 16 फरवरी को माँ नर्मदा जयंती मनाई जाएगी। ऐसे में भक्तों को माता सरस्वती और माँ नर्मदा की आराधना का भी अवसर प्राप्त होगा।

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